भारत सरकार ने 3 नवम्बर 2022 को एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, एक आदेश जारी किया जिसके अंतर्गत आईआईटी कानपुर के शासक-मंडल के चेयरमैन डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति की स्थापना की गई थी। इस समिति का उद्देश्य था राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार महत्वपूर्ण सुधारों की शुरुआत करना और सत्यापन योग्य उच्च शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक सुरक्षित डेटाबेस तैयार करने में सहायक बनना था।
समिति ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सरकारी संस्थानों के साथ मिलकर काम किया जाए। इसके लिए, वे एक उद्देश्यपूर्ण और प्रौद्योगिकी-संचालित आधुनिक प्रणाली का उपयोग करके एक सुरक्षित और सत्यापन योग्य डेटाबेस बनाने के लिए तर्कसंगत विचार किया। इससे उच्च शैक्षणिक संस्थानों को उनकी मान्यता और रैंकिंग को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी और विद्यार्थियों को भी सहायक और सुविधाजनक विकल्प प्राप्त होंगे।
समिति ने विचार-विमर्श के बाद अपनी रिपोर्ट को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग में प्रस्तुत किया, जिससे सरकार इसे मान्यता प्रदान करके शिक्षा संस्थानों के स्तर को मजबूती दे सके। इस दिशा में रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए हितधारकों से सुझाव और प्रतिक्रिया भी मांगी गई, जिनसे सुरक्षित डेटाबेस तैयार करने की प्रक्रिया को और भी समृद्ध किया जा सके। यह सभी संविदानिक प्रक्रियाओं के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया है कि सुधारों का मार्ग स्पष्ट और संरचित हो।
इस आदर्श के परिणामस्वरूप, रिपोर्ट को समृद्ध किया गया है और उसे अब तकनीकी और व्यावसायिक सुधारों के साथ अंतिम रूप देने के लिए समय दिया गया है। इस प्रकार, भारत सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नया मोड़ दिया है जिसका उद्देश्य उच्च शैक्षिक संस्थानों को और अधिक मान्यता प्रदान करना और उनके स्तर को और भी ऊँचा उठाना है। यह पहल एक नई और सुरक्षित शिक्षा संस्थानों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत के शिक्षा सिस्टम को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योजना का हिस्सा है।"