भारत और वियतनाम: व्यापार और सहयोग की नई संभावनाएं विकसित


आज, नई दिल्ली में भारत-वियतनाम संयुक्त व्यापार उप-आयोग (जेटीएससी) की पांचवीं बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की सह-अध्यक्षता वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव, श्री राजेश अग्रवाल और वियतनाम की उद्योग और व्यापार मंत्रालय की उपमंत्री, सुश्री फान-थी-थांग ने की। यह महत्वपूर्ण बैठक चार साल से अधिक के अंतराल के बाद आयोजित की गई है, क्योंकि कोविड-19 महामारी और अन्य वजहों से पिछली चौथी बैठक जनवरी 2019 में हुई थी।

वर्ष 2022-23 के दौरान, वियतनाम भारत के साथ 14.70 बिलियन अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का हिस्सेदार बनकर भारत का 23वां सबसे बड़ा व्यापारिक साथी बना है, और आसियान देशों में यह पांचवा सबसे बड़ा व्यापारिक साथी है। भारत के कुल व्यापार में वियतनाम की हिस्सेदारी 11.2 प्रतिशत है। इस व्यापारिक साथीता के परिणामस्वरूप, वियतनाम भारत के मुख्य व्यापारिक भागीदारों में से एक बन गया है।

इस बैठक में, दोनों पक्षों ने व्यापार सहयोग को बढ़ाने के तरीकों की समीक्षा की और द्विपक्षीय व्यापार में विशाल अप्रयुक्त क्षमता का उपयोग करने के तरीकों पर चर्चा की। इसका उद्देश्य दोनों पक्षों के व्यापारिक समुदायों को दोनों देशों की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के साथ जुड़कर लाभ पहुंचाना है।

दोनों पक्षों ने कृषि, मत्स्य पालन, कपड़ा, जूते, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, उर्वरक, मशीनरी और उपकरण, उपभोक्ता उत्पाद, ऊर्जा, और ऑटोमोबाइल उद्योग जैसे सेक्टरों की पहचान की, जिनमें व्यापार सहयोग को बढ़ावा दिया जा सकता है। इन सेक्टरों में भारत और वियतनाम के बीच व्यापार में बेहतरीन सहयोग की संभावनाएं हैं।

व्यापार सहयोग के अलावा, दोनों पक्षों ने लॉजिस्टिक चुनौतियों, सीधी पोत सेवाओं, माल ढुलाई में सहयोग, और वायु संचार में सुधार के बारे में चर्चा की। इससे द्विपक्षीय व्यापार को मजबूती मिलेगी और व्यापारिक संबंधों को और भी मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

इस बैठक के माध्यम से, दोनों देशों के बीच सहयोग और व्यापार के क्षेत्र में नई संभावनाओं का परिचय दिया गया है, जो आने वाले समय में व्यापार सहयोग को और भी मजबूत बनाएगा।"