ट्रस्ट और एनजीओ: में अंतर दोनों क्यों हैं एक दूसरे से अलग

ट्रस्ट और एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) दोनों अलग-अलग प्रकार के संगठन होते हैं, जो सामाजिक, शैक्षणिक, या धार्मिक उद्देश्यों के लिए काम करते हैं। इन दोनों में कुछ मुख्य अंतर होते हैं, जो निम्नलिखित हैं:

जाने क्या होता है ट्रस्ट:

एक ट्रस्ट एक निजी या स्वयं सहायता संगठन होता है जो एक व्यक्ति या एक समूह द्वारा स्थापित किया जाता है। यह संगठन विशेष उद्देश्यों के लिए धन जुटाता है और उन उद्देश्यों को पूरा करने के लिए काम करता है।
ट्रस्ट एक निदेशक मंडल या बोर्ड के द्वारा प्रबंधित होता है और इसमें निर्धारित नियम और विधियाँ होती हैं जिनका पालन किया जाना आवश्यक होता है।
ट्रस्ट अपने उद्देश्यों के लिए धन और दान जुटा सकता है और इसे धर्मांतरित करने की अनुमति नहीं होती है।
ट्रस्ट अपने संस्थापक या ट्रस्टी हमेशा मालिक होता है  लेकिन यह कारण नहीं है कि उसे फर्जी या लुभावने नजरिए से देखा जाए।

एनजीओ (गैर सरकारी संगठन):

एनजीओ भी गैर सरकारी संगठन ही होता है जो एक सामाजिक, शैक्षणिक, या धार्मिक उद्देश्यों के लिए काम करने वाला संगठन होता है, और वह भी आम तौर पर दान और सहयोग से संचालित होता है।
एनजीओ के संस्थापक और सदस्यों को वेतन नहीं मिलता, और यह संगठन स्वयंसेवा के आधार पर काम करता है।
एनजीओ को दान और अनुदान के लिए सरकारी प्रोग्राम या बजट से सहायता मिल सकती है, लेकिन इसे सरकारी नियंत्रण या धर्मांतरण की अनुमति नहीं होती है।

ट्रस्ट और एनजीओ: एक समीक्षा

ट्रस्ट, जैसा कि नाम से स्पष्ट है, एक विशेष उद्देश्य को पूरा करने के लिए धन जुटाने वाला संगठन है। इसे व्यक्ति या समूह द्वारा स्थापित किया जा सकता है। ट्रस्ट एक निदेशक मंडल द्वारा प्रबंधित होता है और इसके नियमों और विधियों का पालन किया जाना आवश्यक होता है। 

वहीं, एनजीओ भी गैर सरकारी संगठन होता है जो सामाजिक, शैक्षणिक, या धार्मिक उद्देश्यों के लिए काम करता है।सारांश में कहे तो  ट्रस्ट और एनजीओ दोनों ही सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण रोल निभाते हैं। ट्रस्ट धन जुटाकर अपने उद्देश्यों को पूरा करता है जबकि एनजीओ स्वयंसेवा के माध्यम से यह लक्ष्य प्राप्त करता है। दोनों के माध्यम से समाज को लाभ मिलता है। लेकिन इसका उपयोग व्यक्तिगत फायदे के लिए कतई नहीं करना चाहिए नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ सकते।