श्री राम कथा के पांचवें दिवस रवि जी समदर्शी महाराज ने कहा TAP NEWS


 उझानी   - बाल्मिक जी कहते हैं जिस घर में नियमित रामायण का पाठ होता है वह घर या स्थान तीर्थ स्थान हो जाता है वहां जाने वाले कोई भी हो, सबके पाप मिट जाते,
रामायण की महिमा बताते हुए वाल्मिक जी ने कहा शरीर में जभी तक पाप रह सकते हैं जब तक रामायण कान के द्वारा श्री पहुंच गई पाई , और गोस्वामी की कहते रामायण कलयुग में कल्पवृक्ष है, यह चंद्र की रेणु की समान शीतलता प्रदान करती है यह समस्त सनस्यों का नाश करती है रामकथा जो गाते हैं,सुनते हैं,सुनाते हैं, वह कभी नरक में नहीं जाते
संबद्ध सूरज वक्त इसमें गोस्वामी जी ने और मंगलवार के दिन अवधपुरी में ही जिस दिन मेरे राम जी का जन्म हुआ था उसी दिन इस रामायण को समाज को समर्पित की
यह कथा याद दीपक जी भारद्वाज जी को और शंकर जी सती जी को काजू सुंडी जी पक्षियों के राजा जरुर को और गोस्वामी जी अपने मन को यही कथा सुनाते हुए कहते हैं,
भरद्वाज जी को याज्ञवल्की कथा सुनाते हुए कहते हैं
एक एक बार त्रेता युग में भगवान शंकर ऋषि कुमभज कुंभज के पास राम कथा सुनने गए वहां कथा सती ने नहीं सुनी भगवान शंकर सुनी और ऋषिवर को भक्ति का वरदान दिया 
सागर नदियों से कभी नहीं कहता फिर भी नदियां सागर की ओर दौड़ी चली आती है, चाणक्य बनो चंद्रगुप्त दौड़ा चला दो रामदास बनो शिवाजी चरण दुखाएगा,कृष्ण बनो अर्जुन भागता चलाएगा माता सावित्री से बनो यमराज जी प्रणाम करके चला जाए मन्नू अनसुइया बनो वर्मा विश्णु महेश जी आपके बालक स्वरुप होंगे,
उसी समय भगवान राम अपनी लीला करने दंडक बन में सीता जी को खोजते हुए कामी पुरुष की भाति परेशान घूम रहे थे भगवान शंकर कथा सुन कर आकाश मार्ग से वापस आ रहे थे भगवान को देखा प्रणाम किया और कहा सती तुम भी प्रणाम करो लेकिन सती ने प्रणाम नहीं किया बार-बार कहने पर भी प्रणाम नहीं किया तब भगवान शंकर ने कहा तुम चाहो तो परीक्षा ले सकती हो यह मेरे इष्टदेव भगवान राम और सती परीक्षा लेने चली गई भगवान ने पहचान लिया और सती ने आकर वापस आकर शंकर जी से झूठ बोल दीया की मैंने कोई परीक्षा नहीं ली आपकी तरह प्रणाम किया भोले बाबा ने सब कुछ जान लिया और मन से सती का त्याग कर दिया
एक माह तक चलने वाली इस रामकथा में रजनीश गुप्ता प्रदीप गुप्ता विष्णु गुप्ता विकास चौहान अलंकार सोलंकी धीरेंद्र सोलंकी शीतल राना कमलेश मिश्रा मोना चौधरी दीपेश धर्मानंद अमित शर्मा शैलेश शर्मा गजेंद्र पंत शशांक अंकित धर्मेंद्र साहू लक्ष्मी गुप्ता गुड्डू गुप्ता कामिनी तिवारी राखी साहू राकेश साहू सौरभ राजावत संजीव सक्सेना बाबू शाक्य आदि सैकड़ों भक्त उपस्थित रहे