नई दिल्ली केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने समग्र दृष्टिकोण से एक अनोखा जैव विविधता संरक्षण मॉडल तैयार किया है। गुजरात में द्वारका के रुक्मिणी मंदिर के पास हरियाली महोत्सव को आज संबोधित करते हुए श्री यादव ने पर्यावरण और उस पर निर्भर प्राणियों के बीच महत्वपूर्ण संतुलन के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसके लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सरकार ने इस संदेश को विश्व स्तर पर फैलाने के लिए मिशन लाइफ शुरू किया है।
पारिस्थितिकी तंत्र की खाद्य श्रृंखला को संरक्षित करके और उसमें सबसे उपर के शिकारियों को सुरक्षित करके महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी प्रणालियों के पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सरकार द्वारा शुरू किए गए प्रोजेक्ट डॉल्फिन और प्रोजेक्ट लायन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य और उनके संरक्षण के पारिस्थितिक संकेतक के रूप में मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र और डॉल्फ़िन के महत्व पर जोर दिया।
संरक्षण पहल में बहु-हितधारकों की भागीदारी को आमंत्रित करते हुए श्री यादव ने उद्योगों से हाल में शुरू की गई ग्रीन क्रेडिट प्रणाली में सक्रिय रूप से योगदान करने का आह्वान किया। उन्होंने कार्बन पृथक्करण और हरित आवरण को बढ़ाने में उद्योगों की भूमिका और योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी इस संबंध में एक प्रभावी उपकरण है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि गुजरात ने मैन्ग्रोव इकोसिस्टम के संरक्षण के लिए पीपीपी मॉडल में असाधारण काम किया है। हालांकि, ऐतिहासिक मैंग्रोव क्षेत्रों की पहचान करने और उन्हें पुनर्स्थापित करने के प्रयासों की आवश्यकता है, जो पहले से ही खराब स्थिति में हैं।
श्री यादव ने मैन्ग्रोव वृक्षारोपण लक्ष्य, मैन्ग्रोव नर्सरियों का स्टॉक, आजीविका के अवसर, प्रचार और पहुंच कार्यक्रम के साथ-साथ स्वयं सहायता समूह के माध्यम से मैन्ग्रोव क्षेत्रों में पर्यावरण-पर्यटन जैसी मुख्य गतिविधियों के महत्व पर जोर दिया ताकि मैन्ग्रोव में 30 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करने में मदद मिल सके।