नई दिल्ली पंचायती राज मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक 4 जुलाई को केंद्रीय पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह की अध्यक्षता एवं समिति के उपाध्यक्ष तथा केंद्रीय पंचायती राज्य मंत्री श्री कपिल मोरेश्वर पाटील की उपस्थिति में डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में संपन्न हुई।
बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि आजादी के अमृत काल में हम सभी ने वर्ष 2047 तक संपन्न भारत का संकल्प लिया है, राष्ट्र की संपन्नता में उसकी भाषा की संपन्नता भी निहित है इसलिए हमें अपनी राजभाषा हिंदी को भी जन-जन की भाषा बनाते हुए संपन्न बनाना है। श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि आज दुनिया के 20 देशों में हिंदी बहुतायत में बोली जाती है, लगभग दो सौ विश्वविद्यालयों में हिंदी भाषा पढ़ाई जाती है और दुनिया की 70 करोड़ आबादी हिंदी बोलती है।
श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हिंदी को लेकर हमें अपनी मानसिकता में बदलाव लाना जरूरी है। इस हेतु प्रबल इच्छा शक्ति भी होना आवश्यक है। हिंदी एक समृद्ध भाषा है और हमें सरकारी कामकाज में अधिक से अधिक हिंदी का उपयोग करना चाहिए। श्री सिंह ने पंचायती राज मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की नियमित बैठक आयोजित करने पर जोर दिया।
केंद्रीय पंचायती राज राज्यमंत्री एवं हिंदी सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष श्री कपिल मोरेश्वर पाटील ने बैठक में कहा कि मंत्रालय में हिंदी में कार्य करने में विगत कुछ वर्षों में विस्तार हुआ है। मंत्रालय के प्रत्येक कार्यक्रम में यह प्रयास किया जाता है कि ज्यादा से ज्यादा हिंदी में ही भाषण और संवाद हो। श्री पाटील ने कहा कि हिंदी बहुत सरल भाषा है और इसमें दूसरी भाषा के शब्द भी आसानी से समाहित हो जाते हैं इसलिए हम सभी को यह प्रयास करना चाहिए कि हिंदी की लोकप्रियता बढ़े।
बैठक में समिति के सदस्य एवं राज्य सभा सदस्य श्री इरान्ना करादी, पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री सुनील कुमार, सदस्यगण श्री राम नरेश तिवारी ‘पिण्डीवासा’, श्री तेजस सुरेश कुमार ठकर, श्री आचार्य राम मोहन शुक्ल, सुश्री मीनू कुमारी, श्री अशांत भोला सिंह, डॉ. नीलम सिंह, श्री करण सिंह, राजभाषा विभाग के सहायक निदेशक श्री रघुवीर शर्मा ने अपने विचार एवं सुझाव साझा किए।