सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सशक्त वित्तीय स्थिति के कारण बैंकरों को वृहद आर्थिक परेशानियों से कुशलतापूर्वक निपटने का भरोसा है

रामजी पांडे

नई दिल्ली केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए विभिन्न वित्तीय स्वास्थ्य मापदंडों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रदर्शन की समीक्षा के उद्देश्य से आज आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता की।


इस बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड भी उपस्थित थे। वित्त एवं व्यय सचिव डॉ. टी.वी. सोमनाथन; वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव डॉ. विवेक जोशी; निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग में सचिव श्री तुहिनकांता पांडे; सार्वजनिक उद्यम विभाग के सचिव श्री अली रज़ा रिज़वी; कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय में सचिव श्री मनोज गोहिल; राजस्व विभाग के सचिव श्री संजय मल्होत्रा; आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव श्री मनोज जोशी; वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ. वी. अनंत नागेश्वरन; भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष श्री दिनेश खारा तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों #पीएसबी के प्रबंध निदेशकों व मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के अलावा वित्तीय सेवा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

इस समीक्षा बैठक के दौरान, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ सकारात्मक व्यापक रुझान, बेहतर व्यावसायिक विचारों, 'दोहरी बैलेंस शीट के लाभ' और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन पर चर्चा हुई।

प्रमुख वित्तीय मापदंडों जैसे ऋण परिनियोजन, लाभदायिकता, परिसंपत्ति गुणवत्ता और पूंजी पर्याप्तता आदि दर्शाते हैं कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उनके पास पर्याप्त पूंजी है, वे लचीले हैं और उनका वित्तीय स्वास्थ्य बेहतर है।

इस तथ्य का उल्लेख किया गया कि मार्च 2023 में सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों के 4.97 प्रतिशत और शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों के 1.24 प्रतिशत के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड कुल शुद्ध लाभ कमाया है, जो वित्तीय वर्ष 2013-14 में अर्जित शुद्ध लाभ से लगभग तीन गुना है। 15.53 प्रतिशत सीआरएआर (दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में) की उच्च पूंजी पर्याप्तता, स्वस्थ प्रावधान कवरेज (90.68 प्रतिशत) द्वारा समर्थित स्वच्छ बैलेंस शीट और बेहतर लचीलेपन से मजबूत, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बढ़ती अर्थव्यवस्था के उत्पादक क्षेत्रों की ऋण आवश्यकताओं का सहयोग करने के लिए काफी अच्छी स्थिति में हैं।

समग्र रूप से अपने आकलन में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सशक्त वित्तीय स्थिति के कारण बैंकरों को वृहद आर्थिक परेशानियों से कुशलतापूर्वक निपटने का भरोसा है।

श्रीमती सीतारमण ने जोखिम प्रबंधन और व्यापारिक आधार के विविधीकरण पर ध्यान केंद्रित करके बैंकों के नियामक ढांचे के पालन पर जोर दिया। हाल के वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र के घटनाक्रम से उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद व्यावसायिक दृष्टिकोण में उत्तरोत्तर सुधार हो रहा है।