उज्बेकिस्तान के केंद्रीय चुनाव आयोग के निमंत्रण पर भारत के निर्वाचन आयुक्त डॉ. अनूप चन्द्र पांडे 9 जुलाई 2023 को होने वाले प्रारंभिक राष्ट्रपति चुनाव संचालन का निरीक्षण करने के लिए उज्बेकिस्तान में तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। मौजूदा राष्ट्रपति सहित चार उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। यह चुनाव उज्बेकिस्तान में इस साल अप्रैल में हुए जनमत संग्रह के बाद अपनाये गये नये संविधान के ढांचे के तहत हो रहा है। इस चुनाव पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की इस पर गहरी नजर है।
इससे पहले, डॉ. अनूप चन्द्र पांडे और उज्बेकिस्तान के मुख्य चुनाव आयोग (सीईसी) के अध्यक्ष ने 6 जुलाई 2023 को चुनावी सहयोग पर एक बैठक की थी। डॉ. पांडे ने भारत में हाल के चुनावों के संचालन और चुनावी सहयोग, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के माध्यम से दोनों देशों के बीच चुनावी संबंधों को और मजबूत करने के विभिन्न तरीकों के बारे में बात की। उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधि भारत निर्वाचन आयोग की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय चुनाव आगंतुक कार्यक्रमों (आईईवीपी) में उत्साहपूर्वक भाग लेते रहे हैं और उज्बेकिस्तान के अधिकारी आईटीईसी कार्यक्रम के तहत भारत निर्वाचन आयोग में प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी शामिल होते रहे हैं
उज्बेकिस्तान कानूनों के तहत राष्ट्रपति को एक राष्ट्रव्यापी निर्वाचन क्षेत्रों से सात साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है। चुनावों के तहत एक त्रिस्तरीय संरचना होती है, जिसमें केंद्रीय चुनाव आयोग, 14 जिला चुनाव आयोग और 10,760 परिक्षेत्र चुनाव आयोग शामिल हैं। उज्बेकिस्तान में लगभग दो करोड़ मतदाता हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र पर अधिकतम 3000 मतदाता आते हैं। चुनाव में मतदान करने के लिए दो करोड़ 20 लाख से अधिक पात्र मतदाता पंजीकृत हैं। विदेशों में रहने वाले उज्बेकिस्तान के नागरिकों के विदेश में 55 मतदान केन्द्र खोले गये गये हैं। देश में 10,000 से अधिक मतदान केंद्र खोले गये हैं। इस बार के चुनाव उज्बेकिस्तान के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होंगे।
चुनाव आयुक्त डॉ. अनुप चन्द्र पांडे के नेतृत्व में उप चुनाव आयुक्त श्री हृदयेश कुमार और श्री आर के गुप्ता सहित भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य चुनाव आयोग के चुनावी प्रशासन, प्रक्रियाओं और पहलों का अवलोकन करने के लिए सातवें और चौदहवें जिला चुनाव आयोग का भी दौरा किया।