किशोर न्याय अधिनियम पर ऑनलाइन प्रशिक्षण मॉड्यूल का उद्घाटन व शुभारंभ हुआ

नई दिल्ली भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (एमडब्ल्यूसीडी) ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में बाल संरक्षण, सुरक्षा तथा बाल कल्याण पर एक दिवसीय क्षेत्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। इसमें भाग लेने वाले नौ राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर व लद्दाख थे। इस कार्यक्रम में बाल कल्याण समितियों (सीडब्ल्यूसी) के 2000 से अधिक प्रतिनिधियों, किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी), ग्राम बाल संरक्षण समिति (वीसीपीसी) के सदस्यों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। यह कार्यक्रम बाल संरक्षण, सुरक्षा तथा बाल कल्याण के मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने और इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए देश भर में आयोजित होने वाली क्षेत्रीय सम्मेलनों की एक श्रृंखला की शुरुआत है।

इस संगोष्ठी में भारत सरकार की केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ज़ुबिन इरानी, भारत सरकार में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपरा महेन्द्रभाई, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में सचिव श्री इंदीवर पांडे और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष श्री प्रियांक कानूनगो उपस्थित थे।


सम्मेलन मुख्य रूप से किशोर न्याय अधिनियम में संशोधन पर केंद्रित था। गोद लेने की प्रक्रियाओं पर इसके प्रभाव को संभावित दत्तक माता-पिता द्वारा अनुभव साझा करके उजागर किया गया था, जिन्हें सितंबर, 2022 में संशोधन के बाद त्वरित लाभ प्राप्त हुआ था। इस अवसर पर लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी के सहयोग से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किशोर न्याय अधिनियम पर तैयार किये गए ऑनलाइन प्रशिक्षण मॉड्यूल का उद्घाटन व शुभारंभ किया गया और इसे कर्मयोगी आईगॉट मंच पर लॉन्च किया गया। इसका उद्देश्य उन सभी पदाधिकारियों को संवेदनशील बनाना और उनका क्षमता निर्माण करना है, जिन्हें ग्राम स्तर तक बाल सुरक्षा, संरक्षण और कल्याण के प्रावधानों के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है।