नई दिल्ली केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 13 जून, 2023 को नई दिल्ली में हुई राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस योजना की घोषणा की थी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय द्वारा भारत में आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रणाली को मजबूत करके भारत को आपदा प्रतिरोधी बनाने और आपदाओं के दौरान 'शून्य मृत्यु' और संपत्ति का न्यूनतम नुकसान सुनिश्चित करने के लिए कई प्रमुख पहल की जा रही हैं
योजना का उद्देश्य एनडीआरएफ के भीतर अग्निशमन सेवाओं का विस्तार और आधुनिकीकरण करना है, जिससे एनडीआरएफ की तैयारियों और क्षमता-निर्माण घटक के माध्यम से राज्यस्तर पर अग्निशमन सेवाओं को मजबूत किया जा सके
योजना का विवरण गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग की वेबसाइट https://ndmindia.mha.gov.in से डाउनलोड किया जा सकता है
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों में अग्निशमन सेवाओं को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत तैयारी और क्षमता निर्माण निधि के तहत निर्धारित आवंटन से "राज्यों में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण" के लिए 5,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ योजना शुरू की है। कुल परिव्यय में से 500 करोड़ रुपये की राशि राज्यों को उनके कानूनी और बुनियादी ढांचा-आधारित सुधारों के आधार पर प्रोत्साहित करने के लिए रखी गई है। इस संबंध में सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और अग्निशमन सेवाओं के प्रमुख को पत्र भेजा गया है।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने 13 जून, 2023 को नई दिल्ली में हुई राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस योजना की घोषणा की थी।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय द्वारा भारतमें आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रणाली को मजबूत करके भारत को आपदा प्रतिरोधी बनाने और आपदाओं के दौरान 'शून्य मृत्यु' और संपत्ति का न्यूनतम नुकसान सुनिश्चित करने के लिए कई प्रमुख पहल की जा रही हैं।
योजना का उद्देश्य एनडीआरएफ के भीतर अग्निशमन सेवाओं का विस्तार और आधुनिकीकरण करना है, जिससे एनडीआरएफ की तैयारियों और क्षमता-निर्माण घटक के माध्यम से राज्यस्तर पर अग्निशमन सेवाओं को मजबूत किया जा सके।
योजना के तहत परियोजनाओं/प्रस्तावों के लिए धन आवंटन के लिए, संबंधित राज्य सरकारों को इन परियोजनाओं/प्रस्तावों की कुल लागत का 25% (उत्तर-पूर्वी और हिमालयी (एनईएच) राज्यों को छोड़कर, जो 10% योगदान देंगे) अपने बजटीय संसाधन में से योगदान करना होगा। योजना का विवरण गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन प्रभाग की वेबसाइट https://ndmindia.mha.gov.in से डाउनलोड किया जा सकता है।
इस योजना की शुरूआत के पीछे पंद्रहवें वित्त आयोग (XV-FC) की सिफारिश है जिसके तहत, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) में से प्रत्येक [कुल राष्ट्रीय आपदा जोखिम प्रबंधन कोष (एनडीआरएमएफ) और राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन कोष (एसडीआरएमएफ) का 10%]के 12.5 प्रतिशत के आवंटन की अनुमति तैयारी और क्षमता निर्माण की फंडिंग के लिए दी गई है
एनडीआरएफ के कुल कोष में से 5,000 करोड़ रूपए की राशि को "अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण" के लिए प्राथमिकता से रखा गया है।निर्धारित आवंटन के विरुद्ध स्वीकृत परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्ध देनदारियों का उनके पूरा होने की अवधि के बाद कोई स्पिल-ओवर नहीं होगा।