संसद के मानसून सत्र-2023 से पूर्व प्रधानमंत्री का वक्तव्य

नई दिल्ली मानसून सत्र में आप सब का स्वागत है। सावन का पवित्र मास चल रहा है और इस बार तो डबल सावन है और इसलिए सावन की अवधि भी जरा ज्यादा है। और सावन मास पवित्र संकल्प के लिए, पवित्र कार्यों के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है और आज जब लोकतंत्र में मंदिर में इस सावन के पवित्र मास में मिल रह हैं तो लोकतंत्र का मंदिर ऐसे अनेक पवित्र कार्य करने के लिए इससे बड़ा उत्तम अवसर नहीं हो सकता है। मुझे विश्वास है कि सभी माननीय सांसद मिलकर के इस सत्र का जनहित में सर्वाधिक उपयोग करेंगे।


संसद की जो जिम्मेवारी और संसद में हर सांसद की जो जिम्मेवारी  है ऐसे अनेक कानूनों का बनाना, इसकी विस्तार से चर्चा करना बहुत ही आवश्यक है। और चर्चा जितनी ज्यादा होती है, चर्चा जितनी ज्यादा पैनी होती है उतना जनहित में दूरगामी परिणाम देने वाले अच्छे निर्णय होते हैं। सदन में जो माननीय सांसद आते हैं वो धरती से जुड़े हुए होते हैं, जनता के दुख, दर्द को समझने वाले होते हैं। और इसलिए जब चर्चा होती है तो उनकी तरफ से जो विचार आते हैं वो जड़ों से जुड़े हुए विचार आते हैं और इसलिए चर्चा तो समृद्ध होती है, निर्णय भी सशक्त होते हैं, परिणामकारी होते हैं। और इसलिए मैं सभी राजनीतिक दलों को, सभी माननीय सांसदों को इस सत्र का भरपूर उपयोग करके जनहित के कामों को हम आगे बढ़ाएं।


ये सत्र अनेक रूप से महत्व का भी है क्योंकि इस सत्र में जो बिल लाए जा रहे हैं वो सीधे-सीधे जनता के हितों से जुड़ें हुए हैं। हमारी युवा पीढ़ी जो पूरी तरह डिजिटल वर्ल्ड के साथ एक प्रकार से नेतृत्व कर रही है, इस समय Data Protection Bill  देश के हर नागरिक को एक नया विश्वास देने वाला बिल है, और विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला बिल है। इसी प्रकार से National Research Foundation, नई शिक्षा नीति के संदर्भ में एक बहुत बड़ा अहम कदम है और इसका उपयोग अनुसंधान को बल देना, innovation का बल देना, research को बल देना और हमारी युवा पीढ़ी जो विश्व के अंदर नए उपक्रमों के द्वारा विश्व का नेतृत्व करने का सामर्थ्य रखती हैं, उनके लिए बड़ा अवसर लेकर के आ रही है ।