नई दिल्ली कोयला मंत्रालय के सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने मुख्य नोट देते हुए कहा, " देश में कोयले की प्रचुर उपलब्धता को देखते हुए, सरकार के डीकार्बोनाइजिंग मिशन का समर्थन करने के लिए देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोयले के विविध उपयोग पर कार्रवाई करने का समय आ गया है।"
"नीली हाइड्रोजन-ऊर्जा सुरक्षा और हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था" पर संबोधन
मंत्रालय द्वारा आज यहां आयोजित किया गया। सचिव ने कहा कि सत्र में कोयले से हाइड्रोजन के लिए उपलब्ध तकनीकों, लागत प्रतिस्पर्धा, वैश्विक अनुभव और आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श होना चाहिए। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का समर्थन करने के लिए कोयला क्षेत्र के लिए कार्रवाई योग्य बिंदुओं की पहचान करने के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा गठित समिति की सिफारिशों पर विचार-विमर्श किया जाना चाहिए और कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए। श्री मीणा ने गैसीकरण को बढ़ावा देने के लिए इस विषय पर नियमित रूप से विचार-विमर्श करने के लिए सभी विशेषज्ञों के साथ मंत्रालय में एक सलाहकार समिति गठित करने की भी सलाह दी।
कोयला मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री एम. नागराजू ने अपने स्वागत भाषण में देश की ऊर्जा मांगों को स्थायी रूप से पूरा करने के लिए कोयला गैसीकरण को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय द्वारा की गई नीतिगत पहलों को रेखांकित किया।
श्री देबाशीष नंदा, निदेशक बीडी सीआईएल और समिति के अध्यक्ष ने देश में हरित हाइड्रोजन उत्पादन की वर्तमान स्थिति, चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं के व्यापक विश्लेषण की पेशकश करते हुए ग्रीन हाइड्रोजन मिशन पर समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की।