नई दिल्ली “चिकित्सा अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण आवश्यक है क्योंकि यह उन्हें मूल्यवान ज्ञान और विशेषज्ञता का उपयोग करने का अनूठा अवसर प्रदान करता है, उनके पेशेवर विकास में योगदान देता है और गैर-अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग (एनएएफएलडी) द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने की उनकी क्षमता को बढ़ाता है। यह उन्हें देश में एनएएफएलडी की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए जोखिम कारकों, उचित निदान, साथ ही मानक उपचार प्रवाह को समझने के कौशल से लैस करता है। यह बात स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव श्री राजेश भूषण ने एक वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए कहीजिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधिकारी आज यहां NAFLD पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। राष्ट्रीय वेबिनार में देश भर से 7,000 से अधिक चिकित्सा अधिकारियों ने भाग लिया।
स्वास्थ्य सचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जैसे-जैसे देश की आर्थिक और जनसांख्यिकीय प्रोफ़ाइल बदली है, वैसे-वैसे इसकी महामारी विज्ञान प्रोफ़ाइल भी गैर-संचारी रोगों में वृद्धि की ओर अग्रसर हुई है। उन्होंने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया और कहा, "चूंकि वे सीधे समुदाय के साथ काम करते हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि उनके पास बड़े पैमाने पर समुदाय को प्रसारित करने के साथ-साथ ध्यान केंद्रित करने के लिए सही जानकारी हो।" जीवनशैली आधारित परिवर्तनों को प्रेरित करने पर। क्षमता निर्माण कार्यक्रम जैसे कि हमारे चिकित्सा अधिकारियों को सही ज्ञान और उपकरण प्रदान करने में अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं ताकि वे अपना काम प्रभावी ढंग से कर सकें।