नई दिल्ली वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने अतिरिक्त उधार लेने की अनुमति के रूप में वित्तीय प्रोत्साहन देकर विद्युत क्षेत्र में राज्यों द्वारा सुधारों को बढ़ावा दिया है। इस कदम का उद्देश्य विद्युत क्षेत्र की दक्षता और कार्य प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए सुधारों को प्रारंभ करने में राज्यों को प्रोत्साहित करना और समर्थन देना है।
केंद्रीय बजट 2021-22 में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा इस पहल की घोषणा की गई थी। इस पहल के अंतर्गत 2021-22 से 2024-25 तक चार वर्ष की अवधि के लिए राज्यों को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.5 प्रतिशत का अतिरिक्त उधार लेने की सुविधा उपलब्ध है। यह अतिरिक्त वित्तीय सुविधा राज्यों द्वारा विद्युत क्षेत्र में विशिष्ट सुधारों को लागू करने पर निर्भर है।
इस पहल ने राज्य सरकारों को सुधार प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए प्रोत्साहित किया है और अनेक राज्यों ने आगे आकर किए गए सुधारों और विभिन्न मानकों की उपलब्धियों का ब्यौरा विद्युत मंत्रालय को प्रस्तुत किया है।
विद्युत मंत्रालय की सिफारिशों के आधार पर वित्त मंत्रालय ने 12 राज्यों को 2021-22 और 2022-23 में किए गए सुधारों के लिए अनुमति दी है। पिछले दो वित्तीय वर्षों में उन्हें अतिरिक्त उधारी अनुमतियों के माध्यम से 66,413 करोड़ रुपये के वित्तीय संसाधन जुटाने की अनुमति दी गई है।