आने वाले वर्षों में, "नीली अर्थव्यवस्था" भारत की समग्र अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्ता होगी और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित गहरा समुद्र अभियान इसका मुख्य घटक होगा: डॉ. जितेंद्र सिंह


नई दिल्ली केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि आने वाले वर्षों में, "नीली अर्थव्यवस्था" भारत की समग्र अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्ता होगी और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित गहरा समुद्र अभियान इसका मुख्य घटक होगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज पृथ्वी भवन, नई दिल्ली में गहरे समुद्र अभियान की पहली उच्च स्तरीय संचालन समिति की बैठक की अध्यक्षता की। समिति में नीति आयोग के उपाध्यक्ष के अलावा केंद्रीय पर्यावरण, विदेश, रक्षा और वित्त राज्य मंत्री शामिल हुए।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि गहरे समुद्र अभियान भारत सरकार की नीली अर्थव्यवस्था पहल का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि "नीली अर्थव्यवस्था" आने वाले वर्षों में भारत की समग्र अर्थव्यवस्था के निर्माण में एक अहम भूमिका अदा करने जा रही है।

गहरे समुद्र अभियान हिंद महासागर के गहरे समुद्र में रहने वाले सजीव और निर्जीव संसाधनों की बेहतर समझ के लिए एक उच्च-स्तरीय बहु-मंत्रालयी, बहु-अनुशासनात्मक कार्यक्रम है। यह नीली अर्थव्यवस्था का दर्जा प्राप्त करने के भारत के प्रयासों में मददगार साबित होगा।

इस बैठक में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन के. बेरी, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय कुमार सूद, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन और विभिन्न मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।