क्षेत्र अपनी विश्वसनीयता बढ़ानी है और स्व-विश्लेषण से व्यवस्थाओं में सुधार करना है, सहकारिता क्षेत्र को भी स्वयं अपनी जिम्मेदारी उठानी होगी


 नई दिल्ली केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह आज पुणे, महाराष्ट्र में दैनिक सकल समूह द्वारा आयोजित दो दिवसीय सहकार सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

केंद्रीय सहकारिता मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार सहकारिता क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि आज महाराष्ट्र देश के उन गिने-चुने राज्यों में है जो सहकारिता के क्षेत्र में अच्छा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सहकारिता बहुत पुरानी है क्योंकि सहकारिता महाराष्ट्र की प्रकृति रही है और इस राज्य ने सहकारी समितियों को देश भर में फैलाने में बहुत योगदान दिया है।

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक अलग सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की है ताकि सभी सहकारी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि आज भी भारत के कुल चीनी उत्पादन का 31 प्रतिशत सहकारी चीनी मिलों द्वारा, 16 प्रतिशत दूध सहकारी संस्थाओं से, 13 प्रतिशत गेहूँ, 20 प्रतिशत धान सहकारी समितियों द्वारा और 25 प्रतिशत कुल उर्वरकों से प्राप्त किया जाता है। सहकारी समितियों द्वारा उत्पादित। उन्होंने कहा कि अगर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहकारिता से बड़ा जोर नहीं मिलेगा तो वह फल-फूल नहीं सकती। श्री शाह ने कहा कि हमारे देश में सहकारी साख समितियों का विशाल नेटवर्क है और इससे देश के निचले तबके के आर्थिक विकास को गति मिली है।