नई दिल्ली भारत की आजादी के 75वें वर्ष में पूरी दुनिया ने यह भलीभांति स्वीकार कर लिया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक ‘चमकता सितारा’ है क्योंकि कोविड-19 और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर व्यापक सुस्ती दर्ज किए जाने के बावजूद भारत की आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो कि सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक है। यह बात केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज 01 फरवरी, 2023 को संसद में केन्द्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए कही। वित्त मंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बिल्कुल सही पथ पर बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है और मौजूदा समय में तरह-तरह की चुनौतियां रहने के बावजूद भारत उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर है।
भाग-ए
श्रीमती सीतारमण ने कहा, ‘यह उम्मीद की जा रही है कि पिछले बजट में डाली गई मजबूत नींव और भारत@100,जिसमें एक समृद्ध एवं समावेशी भारत की परिकल्पना की गई है’ के लिए तैयार किए गए ब्लूप्रिंट के सहारे भारत एक ऐसे मुकाम पर पहुंच जाएगा जहां आर्थिक विकास के फल सभी क्षेत्रों एवं समस्त नागरिकों, विशेषकर हमारे युवाओं,महिलाओं, किसानों, ओबीसी, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों तक निश्चित रूप से पहुंच जाएंगे।’
तरह-तरह के संकटों के बीच मजबूती हासिल की गई
वित्त मंत्री ने कहा कि अनगिनत उपलब्धियों जैसे कि अनूठी विश्वस्तरीय सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना यथा आधार,को-विन, और यूपीआई; अभूतपूर्व पैमाने एवं गति से कोविड-19 टीकाकरण अभियान चलाए जाने; अग्रणी क्षेत्रों में अति सक्रिय भूमिका निभाने जैसे कि जलवायु संबंधी लक्ष्यों को हासिल कर लेने, मिशन लाइफ, और राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की बदौलत ही भारत की वैश्विक साख निरंतर दमदार होती जा रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे,जिसके लिए सरकार ने 80 करोड़ से भी अधिक लोगों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने की विशेष योजना 28 महीनों तक चलाई। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र की प्रतिबद्धता को जारी रखते हुए सरकार 1 जनवरी, 2023 से पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत सभी अंत्योदय एवं प्राथमिकता वाले परिवारों को मुफ्त अनाज मुहैया कराने की योजना चला रही है जो अगले एक साल तक जारी रहेगी। केन्द्र सरकार द्वारा ही कुल मिलाकर लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का समूचा खर्च वहन किया जाएगा।
जी20 की अध्यक्षता : चुनौतियों के बीच वैश्विक एजेंडे को आगे बढ़ाया जा रहा है
वित्त मंत्री ने इस ओर ध्यान दिलाया कि वैश्विक चुनौतियों के मौजूदा समय में जी20 की अध्यक्षता ने भारत को विश्व आर्थिक व्यवस्था में अपनी भूमिका को मजबूत करने का अनूठा अवसर प्रदान किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की थीम के साथ भारत वैश्विक चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ सतत आर्थिक विकास को संभव करने के लिए एक महत्वाकांक्षी जन-केन्द्रित एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है।
वर्ष 2014 से लेकर अब तक की उपलब्धियां : किसी को भी पीछे नहीं छोड़ा जा रहा है
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2014 से ही निरंतर जारी सरकारी प्रयासों के तहत सभी नागरिकों के लिए बेहतर जीवन स्तर और सम्मानित जीवन सुनिश्चित किया गया है,और इसके साथ ही प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से भी अधिक होकर 1.97 लाख रुपये हो गई है। उन्होंने कहा कि इन 9 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार काफी विशाल हो गया है और वह दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से काफी आगे निकलकर अब 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। इसके अलावा, देश की अर्थव्यवस्था में औपचारिकरण काफी बढ़ गया है जैसा कि ईपीएफओ की बढ़ती सदस्यता से स्पष्ट होता है जो कि दोगुनी से भी अधिक होकर 27 करोड़ हो गई है, और इसी तरह वर्ष 2022 में यूपीआई के जरिए 126 लाख करोड़ रुपये के कुल 7400 करोड़ डिजिटल भुगतान हुए हैं।