नई दिल्ली प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को केन्द्रीय शिक्षा तथा कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा ‘इंडिया: द मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ नाम की पुस्तक शिक्षा राज्य मंत्रियों डॉ. राजकुमार रंजन सिंह और श्री सुभाष सरकार की उपस्थिति में भेंट की गई। आईसीएचआर के अध्यक्ष एवं सदस्य सचिव प्रोफेसर रघुवेंद्र तंवर और प्रोफेसर उमेश अशोक कदम भी इस अवसर पर उपस्थित थे। आईसीएचआर द्वारा तैयार और प्रकाशित इस पुस्तक में भारत में लोकतंत्र की उत्पत्ति का साक्ष्य आधारित लेखा-जोखा है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस पुस्तक, इसे तैयार करने में की गई कड़ी मेहनत और आईसीएचआर के बौद्धिक प्रयास की सराहना की। उन्होंने आईसीएचआर के अध्यक्ष एवं सदस्य सचिव को उनके भविष्य के शैक्षणिक प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं।
श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत में लोकतांत्रिक भावना और मूल्य सभ्यता की शुरुआत से ही रचे-बसे हैं। उन्होंने कहा कि आईसीएचआर द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक भारतीय लोकतंत्र की उत्पत्ति और उसके आदर्शों का साक्ष्य आधारित लेखा-जोखा है।
इस पुस्तक में भारत की उन लोकतांत्रिक परंपराओं के बारे में चर्चा की गई है जिसने न सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप की नियति को बदल दिया बल्कि दुनिया भर के कई देशों को भी प्रेरित किया। भारत के राष्ट्रीय मूल्यों और हमारी प्राचीन संस्कृति में लोकतंत्र की गहरी जड़ें हैं, जो अलग और यहां तक कि असहमति के दृष्टिकोण के प्रति भी सम्मान सिखाती हैं।
यह पुस्तक प्रजा-तंत्र, जन-तंत्र और लोक-तंत्र के बीच अंतर को रेखांकित करती है। इस पुस्तक में युगों-युगों से भारत में प्रचलित लोकतांत्रिक संस्थाओं के असंख्य उद्धरण हैं। यह प्रमाणित करता है कि भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था सदियों से विकसित हुई है। साथ ही, यह पुस्तक वैश्विक शिक्षा जगत का ध्यान इस ओर आकर्षित करने का एक प्रयास है कि कानून के लिए वैदिक शब्द धर्मन है।