नई दिल्ली
मुख्य बातें:
- मंत्रालय ने अब अपनी स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) के रूप में नया स्वरुप दिया है, जिसका उद्देश्य पर्यटक और गंतव्य स्थल केंद्रित दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए स्थायी और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करना है।
- मंत्रालय की ‘प्रसाद’ योजना के तहत, बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम पर्यटन स्थल को विकास के लिए चिन्हित किया गया है।
पर्यटन मंत्रालय (एमओटी) स्वदेश दर्शन, तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक विरासत संवर्धन अभियान (पीआरएएसएचएडी, प्रसाद) और केंद्रीय एजेंसियों को सहायता देने की अपनी योजनाओं के तहत देश में पर्यटन अवसंरचना के विकास के लिए राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों/केंद्रीय एजेंसियों को सहायता प्रदान करता है। योजनाओं के तहत विकास के लिए परियोजनाओं की पहचान, राज्य सरकारों/ केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों/केंद्रीय एजेंसियों के परामर्श से की जाती है और धन की उपलब्धता, उपयुक्त विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुति, योजना के दिशानिर्देशों का पालन और पहले जारी की गई धनराशि के उपयोग आदि को ध्यान में रखते हुए परियोजनाओं को मजूरी दी जाती है।
मंत्रालय ने अब अपनी स्वदेश दर्शन योजना को स्वदेश दर्शन 2.0 (एसडी 2.0) के रूप में नया स्वरुप दिया है, जिसका उद्देश्य पर्यटक और गंतव्य स्थल केंद्रित दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए स्थायी और जिम्मेदार पर्यटन स्थलों को विकसित करना है। एसडी 2.0 के तहत गया और नालंदा को विकास के लिए चुना गया है, जबकि मंत्रालय की ‘प्रसाद’ योजना के तहत बिहार के सीतामढ़ी जिले में पुनौरा धाम को विकास के लिए चिन्हित किया गया है।
पर्यटन मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने यह जानकारी आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।