नोएडा : ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में नोएडा प्राधिकरण की कार्रवाई पर उच्च न्यायालय, इलाहाबाद ने स्थगन दे दिया है। अब इस मामले में 20 अक्तूबर को सुनवाई होनी है। इससे पहले प्राधिकरण को अपना जवाब देना होगा। नोएडा प्राधिकरण के सीएपी इश्तियाक अहमद ने बताया कि फिलहाल कार्रवाई रोक दी गई है। अब कोर्ट के आदेश के तहत ही आगे की योजना पर काम किया जाएगा।
ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी के निवासी मुकुल गुप्ता और अन्य 124 लोगों ने प्राधिकरण की अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के खिलाफ उच्च न्यायालय, इलाहाबाद, के कोर्ट नंबर – 21 में माननीय मनोज कुमार गुप्ता और माननीय जयंत बनर्जी के बेंच के सामने याचिका दायर की थी। सोसाइटी के की ओर वरिष्ठ वकील अखिलेश मिश्रा, नायब अहमद खान की तरफ से अपील की गई कि कोई स्थायी निर्माण लेकिन केवल टिन-शेड डाला गया है वह भी बिल्डर से प्राप्त वैध अनुमति के अनुसार, एक मामले में 6 लाख भी जमा कराये गये। मामले पर विचार करने की आवश्यकता है।
नोएडा प्राधिकरण की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील कौशलेंद्र नाथ सिंह ने पूरक हलफनामा दाखिल किया कि जिसमें याचिकाकर्ता को दिये तथाकथित विध्वंस आदेश संलग्न था जो कि प्रबंधक (योजना), नोएडा द्वारा आज जारी किया गया। उन्होने कहा विध्वंस आदेश में किसी व्यक्ति के नाम का जिक्र नहीं, लेकिन टावर के फ्लैट मालिकों के लिए एक सामान्य दिशा बनना चाहता है. फ्लोरेंस-डी, विशेष रूप से, फ्लैट नंबर 004 का उल्लेख करते हुए उन्होने कहा कि के कुछ निर्माणों का लेखा-जोखा स्वीकृत योजना के अनुसार हटाने के लिए 9.7.2020 को नोटिस जारी किया गया था. अवैध निर्माण को हटा कर अधिकारियों को सूचित करने को कहा गया था, लेकिन कहा कि नोटिस का पालन नहीं किया गया। इसमें आगे उल्लेख है कि 26.9.2022 को एक सार्वजनिक घोषणा की गई थी कि सभी फ्लैट मालिक 48 घंटे के भीतर अपने अवैध निर्माण को हटा दें, लेकिन वे उसी का पालन करने में विफल रहे हैं।
दोनों पक्षो को सुनने के बाद माननीय मनोज कुमार गुप्ता और माननीय जयंत बनर्जी के बेंच ने याचिका को स्वीकर कर स्थगन दे दिया अवैध निर्माणों को गिराने से रोका गया और कहा कि दोनों पार्टियां उसके संबंध में तब तक सख्त यथास्थिति बनाए रखेंगी सभी प्रतिवादी अगली तारीख तक जवाबी हलफनामा दाखिल करेंगे। 20.10.2022 को इस मामले को ताजा के रूप में सूचीबद्ध करें।