संचार राज्य मंत्री, श्री देवुसिंह चौहान ने कहा है कि बेहतर डिजिटल भविष्य का निर्माण व्यापक डिजिटल बुनियादी ढांचे की उपलब्धता, प्रत्येक नागरिक को सरकारी सेवाओं की आपूर्ति के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित करने और सभी के लिए डिजिटल सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित होने पर ही किया जा सकता है। वे आज रोमानिया के बुखारेस्ट में मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे, जो अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के पूर्ण सम्मेलन 2022 का हिस्सा है। इस सम्मेलन का विषय "बेहतर डिजिटल भविष्य का निर्माण" है।
इस अवसर पर श्री देवुसिंह चौहान ने बेहतर और समावेशी डिजिटल भविष्य की सुविधा के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार के एकीकृत दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमने सभी आवश्यक चेक बॉक्स की पहचान कर ली है। दूरसंचार बुनियादी ढांचे के निर्माण में सरकार की प्रतिबद्धता के उदाहरणों का संदर्भ देते हुए उन्होंने संकेत दिया कि भारत सरकार ने 2023 तक देश के सभी 6,40,000 गांवों तक मोबाइल सेवाओं और 2025 तक ऑप्टिकल फाइबर का विस्तार करने की योजना बनाई है। उन्होंने यह उल्लेख भी किया कि हाल ही में सफल 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी हुई है, जिसमें 1.5 लाख करोड़ का निवेश आकर्षित हुआ, जिससे उद्योग में बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया का संकेत मिला है। यह नागरिक केंद्रित और उद्योग के अनुकूल सार्वजनिक नीतियों का परिणाम है तथा यह भारत के भविष्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का सूचक भी है।
श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई डिजिटल इंडिया पहल की सफलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने आधार और आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) की सफलता का जिक्र किया। उनहोंने प्रतिष्ठित सदन को यह भी बताया गया कि एईपीएस से प्रतिदिन 40 करोड़ लेनदेन हो रहे हैं, जो डिजिटल बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से प्रभावित वित्तीय समावेश का एक बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि असंबद्ध लोगों तक पहुंचने के लिए, भारत ने दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में 5,70,000 सामान्य सेवा केंद्र स्थापित किए हैं, जो विभिन्न सरकार-से-नागरिकों (जी2सी) और अन्य नागरिक-केंद्रित ई-सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दुनिया के साथ अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए तैयार है। श्री देवुसिंह चौहान ने आईटीयू परिषद में भारत का पुन: चयन और श्रीमती एम. रेवती का रेडियो विनियमन बोर्ड के सदस्य के रूप में चुनाव के लिए सदस्य देशों का समर्थन मांगा।