साहित्य व्यक्ति को मनुष्य बनाने का काम करता है : हरि सुमन बिष्ट

               संवाददाता
  गाजियाबाद। सुप्रसिद्ध लेखक हरि सुमन बिष्ट ने कहा कि लेखन व्यक्ति व समाज को बेहतर बनाने की प्रक्रिया है। लेखक का धर्म कागज काले करने के बजाए व्यक्ति को मनुष्य बनाना है। हमारे पास मनुष्य नाम का जो व्यक्ति था, आजादी के बाद हमने उसे मार दिया। हम आज भी व्यक्ति के रूप में बचे हुए हैं। 'कथा संवाद' में बतौर अध्यक्ष श्री बिष्ट ने नई पीढ़ी को संबोधित करते हुए कहा कि लेखक का दायित्व अपने समय को लेखन में दर्ज करना होता है। लिहाजा नए लेखकों का अपने परिवेश का विश्लेषण निरंतर करते रहना जरूरी है।
  मीडिया 360 लिट्रेरी फाउंडेशन की ओर से होटल रेडबरी में आयोजित 'कथा संवाद' में श्री बिष्ट ने कहा कि संवादहीनता के बढ़ते दौर में ऐसे आयोजन जड़ता तोड़ने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में सुनी गईं रचनाएं भविष्य के प्रति आश्वस्त करती हैं। मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध रचचनाकार राकेशरेणु ने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं ही हमारी कल्पनाशीलता को मूर्त रूप देने के साथ यह सिखाती हैं कि रचना की भाषा और शिल्पा कैसे गढ़ा जाता है। उन्होंने कहा कि यहां बैठे नए रचनाकारों के पास संवेदनशीलता व वैचारिक दृष्टि है, लेकिन लेखन का अनुभव नहीं है। हमारे रचनाक्रम में शामिल होने से पहले बहुत कुछ लिखा जा चुका है। उसे पढ़ने से हमें खुद को फिल्टर करने में सुविधा होती है। कार्यशाला में सुनी गई कईं कहानियां रुढ़िवादिता और अंधविश्वास के परंपरागत खांचों से बाहर नहीं निकल पाई हैं। इन खांचों को तोड़कर ही लेखक समाज का कल्याण कर सकता है।
  'कथा संवाद' में प्रतिभा प्रीत की कहानी 'मुक्ति', शकील सैफ की 'करामाती जिन्नात', सिमरन की 'मां', तेजवीर सिंह की 'गुनमुनी', मनु लक्ष्मी मिश्रा की 'मृत्यु नहीं जीवन', डॉ. अजय गोयल की 'इंडिया मस्ट बी ब्लेड', संस्था के अध्यक्ष शिवराज सिंह की 'आत्मा' व डॉ. प्रीति कौशिक की शीर्षक विहीन कहानी पर हुए विमर्श में सुभाष चंदर, सुरेंद्र सिंघल, आलोक यात्री, अनिल शर्मा, हंसराज सिंह, सत्यनारायण शर्मा ने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन रिंकल शर्मा ने किया। द्वितीय "दीप स्मृति कथा सम्मान डॉ. पूनम सिंह की कहानी  'मत लौटना आंगन पाखी' को प्रदान किया गया। उनकी अनुपस्थिति में सम्मान डॉ. बीना शर्मा ने ग्रहण किया।
 इस अवसर पर सिनीवाली शर्मा, नेहा वैद, डॉ. निधि अग्रवाल, अनिल मीत, पवन कुमार 'पवन', अक्षयवरनाथ श्रीवास्तव, संजीव शर्मा, सरोज गुप्ता, नित्यानंद तुषार, डॉ. मिथिलेश भास्कर, बी. एल. बतरा, राजीव सिंघल, जावेद खान सैफ, आचार्य शील भास्कर, अंजलि, टेकचंद, सौरभ कुमार, निकिता करायत, पराग कौशिक, शिवानी, हेमलता, अभिषेक कौशिक, कुलदीप, राममूर्ति शर्मा, गजेंद्र चौधरी, साजिद खान सहित बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।