नई दिल्ली सरकार भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने और देश को विकास की ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए एक मजबूत, सुरक्षित, त्वरित और आत्मनिर्भर लॉजिस्टिक्स (रसद) प्रणाली का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह बात रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्ली में 'सामंजस्य से शक्ति' नामक विषय पर आयोजित पहले भारतीय सेना लॉजिस्टिक्स सम्मेलन में अपने मुख्य भाषण के दौरान कही।
भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और यह तेजी से 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। भविष्य में, चाहे युद्ध क्षेत्र हो या नागरिक क्षेत्र हो, रसद जीविका का महत्व बढ़ने वाला है। ऐसी स्थिति में 21वीं सदी की जरूरतों के अनुसार लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था में सुधार करना समय की जरूरत की मांग है। लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता एक महत्वपूर्ण घटक है। अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमें एक आत्मनिर्भर लॉजिस्टिक्स आपूर्ति प्रणाली की जरूरत है। यह बात श्री राजनाथ सिंह ने 2047 तक भारत को 'अमृत काल' में एक महाशक्ति बनाने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित ढांचे के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कही।
रक्षा मंत्री ने तीनों सेवाओं के बीच संयुक्त जुड़ाव को पिछले कुछ वर्षों में रक्षा मंत्रालय में किए गए प्रमुख नीतिगत परिवर्तनों में से एक बताया है, जिससे अनेक क्षेत्र, विशेष रूप से लॉजिस्टिक्स के कई क्षेत्रों में काफी लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि एक मजबूत लॉजिस्टिक्स प्रणाली स्थापित करने के लिए नींव रखी गई है, जो सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होता है कि सही गुणवत्ता और मात्रा के साथ सही वस्तुएं सेना को सही समय और सही जगह पर उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि सैन्य लॉजिस्टिक्स एक बहुत महत्वपूर्ण पहलू है जो किसी युद्ध का परिणाम निर्धारित करता है।
प्रत्यक्ष सकारात्मक परिणामों के बारे में जानकारी देते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार के प्रयासों के कारण विद्रोहियों से निपटने के साथ-साथ आपदा राहत कार्यों, मानवीय सहायता, गैर-संघर्ष निकासी, संघर्ष के दौरान खोज, बचाव और हताहत निकासी से निपटने की प्रतिक्रिया में लगने वाले समय में काफी कमी आई है। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्र निर्माण का एक महत्वपूर्ण पहलू है और इस संबंध में सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
लॉजिस्टिक्स प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार तीनों सेवाओं की जरूरतों के अनुसार देश में सामान्य लॉजिस्टिक्स सहमति स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि इन सहमति (नोड्स) के माध्यम से एक सेवा के संसाधन निर्बाध रूप से अन्य सेवाओं के लिए भी उपलब्ध होंगे।
श्री राजनाथ सिंह ने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) वास्तुकला पर अपनी अंतर्दृष्टि को साझा करते हुए इसे कुशल लॉजिस्टिक्स का एक प्रमुख हिस्सा बताया। तीनों सेवाओं ने अपनी आईसीटी वास्तुकला विकसित की है। हमारा यह प्रयास है कि तीनों सेवाओं के बीच अंतर-संचालन हो ताकि हम अपने संसाधनों का श्रेष्ठ तरीके से उपयोग कर सकें।