रक्षा मंत्री ने एसआईडीएम की उन्नति की सराहना करते हुए कहा कि इसकी स्थापना के केवल पांच वर्षों में ही, लगभग 500 सदस्य इसमें शामिल हो चुके हैं, जो भारतीय रक्षा उद्योग की प्रगति का संकेतक है। उन्होंने दिल्ली के बाहर एसआईडीएम के विस्तार को उद्योग के विश्वास के प्रतिबिंब और साथ ही साथ स्थानीय कंपनियों के हितों की रक्षा के प्रति एसोसिएशन के संकल्प के रूप में वर्णित किया, जिसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है।
एसआईडीएम के 5वें वार्षिक सत्र का आयोजन 'इंडिया@75: शेपिंग फॉर इंडिया@100' की थीम पर आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य भारत को रक्षा निर्माण के क्षेत्र में शीर्ष देशों में शामिल करना है। इस सत्र में रक्षा मंत्रालय, भारतीय सशस्त्र बलों, उद्योग जगत और भारत में विदेशी रक्षा अटैचियों के शीर्ष नेतृत्व, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी, नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल एस एन घोरमडे, थल सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू, एसआईडीएम के
इस अवसर पर श्री राजनाथ सिंह ने एसआईडीएम चैंपियंस अवार्ड के दूसरे संस्करण के विजेताओं को सम्मानित किया। विजेताओं में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत फोर्ज लिमिटेड और लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड शामिल रहे, जिन्हें क्षमता संबंधी कमियों को दूर करने के लिए प्रौद्योगिकीय नवाचार, डिजाइन/विकास और परीक्षण के लिए आयात प्रतिस्थापन तथा अवसंरचना जैसी विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया।