रामजी पांडे
नोएडा : महिला से बदसलूकी प्रकरण थमने का नाम नहीं ले रहा है, एक तरफ जहां मुखर हो त्यागी समाज ने आज नोएडा में महापंचायत बुलाई है, वही ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी मौन तरीके से अपना विरोध दर्ज करा रहे है. और दोनों गुटों के बीच पोस्टर वार शुरु हो गया है. जहाँ महापंचायत में लगे पोस्टर इस प्रकरण के त्यागी समाज के सम्मान से जोडा जां रहा वही ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी के निवासियों पूरी सोसायटी पोस्टर लगा कर अन्याय के एक जुट हो कर संघर्ष करने का संदेश दे रहे है.
नोएडा के सेक्टर 93-बी स्थित ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में लगे पोस्टर में सोसाइटी के लोग मौन तरीके से अपना विरोध दर्ज करा रहे है. पोस्टरों में लिखा है एकजुट रेजिडेन्स अन्याय के खिलाफ है उत्पीडन, दबंगई महिलाओं का अपमान, गाली-गलौज अतिक्रमण को हम ना बोलते है. 5 अगस्त को एक महिला से बदसलूकी प्रकरण इतना तूल पकड जायेगा ऐसी उम्मीद किसी को भी नहीं थी. सोसायटी के लोगों का भी यही मानना है यह मामला जिस प्रकार से तूल पकड़ गया है बढ़ गया है ऐसा नहीं होना चाहिए था अगर वह सोसायटी के कानून के तहत रहकर हमारी बात को समझते एक तो उन्होंने सोसाइटी का नियम तोड़ा दूसरा गलत काम उन्होंने यह किया एक नारी के साथ अभद्र व्यवहार किया क्योंकि उन्होंने इस तरह के शब्दों का प्रयोग किया जोकि अति निंदनीय है और बहुत ही गलत व्यवहार किया इसी की वजह से इस मामले में इतना तूल पकड़ा जो हमारी लड़ाई है किसी समाज के खिलाफ नहीं है हमारे वहां जो भी घटना घटी वह किसी समाज के खिलाफ नहीं एक व्यक्ति विशेष के खिलाफ है.
वही संयुक्त त्यागी स्वाभिमान मोर्चा के आह्वान पर सुबह दस बजे से शुरु हुई महापंचायत इस मुद्दे को त्यागी समाज के सम्मान से जोडा जां रहा. त्यागी समाज के लोगों का कहना है कि श्रीकांत को गलती की सजा मिलनी चाहिए, लेकिन पुलिस ने पत्नी अनु त्यागी और मामी को थाने में बुलाकर प्रताड़ित किया जो गलत है। मामी को पांच दिन पुलिस जीप में लेकर घूमती रही। बच्चों को खाना देने पहुंचे छह युवकों पर भी केस दर्ज किया गया। श्रीकांत मामले में छह युवकों पर राजनीति से प्रेरित होकर केस दर्ज किया गया। इसे बिना शर्त हटाया जाना चाहिए। साथ ही, मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जानी चाहिए। साथ ही, श्रीकांत से गैंगस्टर एक्ट हटाया जाना चाहिए।