नोएडा, आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स को सामाजिक सुरक्षा, न्यूनतम वेतन, पेंशन देनी होगी, बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा के साथ खिलवाड़ करना बंद करो,आईसीडीएस के लिए पर्याप्त बजट का आवंटन करना होगा, ट्रेड यूनियन रंजिश के चलते बर्खास्त आंगनवाड़ी कर्मचारियों को पुनः बहाल करना होगा, कर्मचारी का दर्जा मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा के जोरदार नारों के साथ 26 जुलाई 2022 से जंतर मंतर नई दिल्ली पर अखिल भारतीय आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर फेडरेशन (आइफा) सम्बध्द- सी.आई.टी. यू. के बैनर तले चल रहा आंगनवाड़ी कर्मियों का धरना समाप्त हुआ।
धरने में देश के विभिन्न राज्यों से बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी वर्कर्स व हेल्पर्स ने हिस्सा लिया। धरने में नोएडा से सीटू नेता लता सिंह, राम स्वारथ, रेखा चौहान, सरस्वती, गंगेश्वर दत्त शर्मा, रामसागर के नेतृत्व में आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने हिस्सा लिया, दिल्ली से मोनिका, कामरेड कमला के नेतृत्व में सैकड़ों आंगनवाड़ी कर्मियों ने हिस्सा लिया।
आंदोलन की जानकारी देते हुए सीटू नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा ने बताया कि देश में लगभग 27 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका हैं। 25 अप्रैल 2022 को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आंगनवाड़ी कर्मियों को कर्मचारी के रूप में मानते हुए उन्हें ग्रेजुएटी के भुगतान अधिनियम 1972 के तहत उन्हें ग्रेच्युटी के भुगतान करने उनके द्वारा प्राप्त मानदेय को मजदूरी/ वेतन के रूप में माने जाने का आदेश दिया साथ ही यह भी कहा कि सरकार को उन्हें बेहतर सेवा शर्ते प्रदान करने के लिए नए तौर तरीके तलाशने चाहिए। उन्होंने कहा कि जंतर मंतर पर धरने का मकसद यही था कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश निर्देश की रोशनी में आंगनवाड़ी कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा, कर्मचारी का दर्जा, न्यूनतम वेतन, ग्रेजुएटी आदि सुविधाएं देने के लिए कानून बनाएं। साथ ही उन्होंने बताया कि अगर सरकार ने ऐसा नहीं हुआ तो मार्च 2023 में देशव्यापी हड़ताल की जाएगी।
28 जुलाई 2022 के धरने का नेतृत्व सम्बोधन आइफा व सीटू की राष्ट्रीय नेता कामरेड ए आर सिंधु, सीटू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एम एल मनकोटिया, राष्ट्रीय सचिव मंडल सदस्य कामरेड ए के पदमनाभन, सीटू दिल्ली एनसीआर राज्य अध्यक्ष कॉमरेड वीरेंद्र गौड़, सचिव सिद्धेश्वर शुक्ला आदि ने किया।