लखीमपुर खीरी एपीजे अब्दुल कलाम भारत के सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रपतियों में से एक थे. उन्हें 'भारत के मिसाइल मैन' के रूप में भी जाना जाता है. उन्हें अब तक के सबसे महान शिक्षकों एक के रूप में भी याद किया जाता है. उन्होंने भारत के रक्षा और अंतरिक्ष अनुसंधान विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में भारतीय प्रबंधन संस्थान में व्याख्यान देते हुए अंतिम सांस ली. आज उनकी 7वीं पुण्यतिथि है ।पुण्यतिथि को गोला गोकरननाथ में जिला पंचायत सदस्य व समाजसेवी वारिस अली अंसारी के आवास पर मनाई गई। एवम मिसाईल मैन के जीवन पर प्रकाश डाला गया।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम देश के सबसे प्रतिभाशाली दिमागों में से एक थे. उन्होंने SLV-III पर काम किया, जो पहला उपग्रह प्रक्षेपण यान था, इसने रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में स्थापित किया था. वह एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के पीछे भी मुख्य व्यक्ति थे, जिसके बाद उन्हें भारत के मिसाइल मैन के रूप में जाना जाने लगा।
एक एयरोस्पेस वैज्ञानिक होने के साथ ही डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत के 11 वें राष्ट्रपति रहें।
इस मौके पर एडवोकेट लियाकत हुसैन , रितेश गुप्ता , सर्वेश गौतम , अमीर हसन, महताब आलम, सरताज अंसारी , लाल मोहम्मद अंसारी और बहुत से उपस्थित रहे