रामजी पांडे
नई दिल्ली केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 2020 बैच के युवा आईएएस अधिकारियों, जो अपने संबंधित राज्य कैडरों में जाने से पहले केंद्र सरकार में सहायक सचिवों के रूप में अपने तीन माह का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं, को संबोधित करते हुए 2047 में उनकी निर्धारित भूमिका की याद दिलाई, जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100वें वर्ष का उत्सव मना रहा होगा। उन्होंने कहा कि उनकी उम्र की वजह से ही केवल उनको ही यह अवसर और विशेषाधिकार प्राप्त होगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार को नागरिक केंद्रित बनाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम राष्ट्रीय शासन में सार्थक आदान-प्रदान और स्पष्ट सुधार लाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि आज का नागरिक नीति निर्माण और नीति कार्यान्वयन की प्रक्रियाओं में अपनी बातें रखने की इच्छा रखता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों में सहायक सचिवों के अनिवार्य कार्यकाल की पहल को 2015 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर शुरू किया गया, जो कि एक उल्लेखनीय प्रयोग था और इससे भारत सरकार को बहुत ज्यादा लाभ प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि सहायक सचिवों से यह उम्मीद की जाती है कि वे भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों के विभिन्न प्रमुख कार्यक्रमों में सुधार लाने में अपना सहयोग प्रदान करेंगे। यह न केवल उन्हें अपनी क्षमता और कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि उन्हें देश के प्रधानमंत्री के समक्ष एक प्रस्तुति देने का अवसर भी देता है, यह एक ऐसा अवसर है जो शायद उनके वरिष्ठ बैचों को प्राप्त नहीं हुआ होगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें बताया गया है कि 175 अधिकारियों के इस बैच में से इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि वाले अधिकारियों की संख्या 108 हैं जबकि चिकित्सा, प्रबंधन, कानून और कला पृष्ठभूमि वाले कई अधिकारी भी इसमें शामिल हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बहुत ही प्रशंसनीय होगा अगर वे अपनी शैक्षिक पृष्ठभूमि का उपयोग इन बातों के लिए करते हैं कि मंत्रालय/विभाग किस प्रकार से नवाचार कर सकते हैं, किस प्रकार से नए विचारों का उपयोग किया जा सकता है और किस तरह से बिचौलियों और लीकेज का पूर्ण रूप से उन्मूलन करते हुए प्रत्यक्ष रूप से नागरिकों को उच्च गुणवत्ता वाले आउटपुट प्रदान किए जा सकते हैं। मंत्री ने यह भी आशा व्यक्त की कि टेक्नोक्रेट्स स्वास्थ्य, कृषि, स्वच्छता, शिक्षा, कौशल और गतिशीलता जैसे क्षेत्रों में सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों के साथ न्याय करने में सक्षम होंगे, जो कि प्रौद्योगिकी पर आधारित और इसके द्वारा संचालित हैं।