जब आत्मनिर्भर गांवों की संख्या बढ़ेगी


              

नई दिल्ली:केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज अपने गुजरात दौरे के तीसरे दिन इंस्टीट्यूट ऑफ़ रूरल मैनेजमेंट आणंद (IRMA) के 41वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। श्री अमित शाह ने दीक्षित छात्रों को डिग्री वितरित कर उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं और कहा कि मुझे विश्वास है कि यहाँ से जाने के बाद आप चाहे किसी भी क्षेत्र में काम करें लेकिन ग्रामीण विकास के विचार और संकल्प के प्रति आप सदैव समर्पित रहेंगे।

 

 

 

इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज यहां से डिग्री लेकर जाने वाले ये छात्र गांधी जी का स्वप्न साकार करने के लिए काम करने वाले हैं। इस देश के ग्रामीण विकास को गति देना, देश के अर्थतंत्र में ग्रामीण विकास को कंट्रीब्यूटर बनाना और ग्रामीण विकास के माध्यम से गांव में रहने वाले हर व्यक्ति को समृद्धि की ओर ले जाना, ये किए बिना देश कभी आत्मनिर्भर नहीं हो सकता है। आज यहां से दीक्षित हो कर जा रहे सभी लोगों से मेरा यही निवेदन है कि आप जीवनभर इस देश के ग्रामीण विकास के लिए कुछ ना कुछ करते रहिए क्योंकि योगदान देने से हमें कोई नहीं रोक सकता। आज आप इरमा को गुरू दक्षिणा देकर और ये प्रण लेकर जाइए कि जीवनभर मेरी दृष्टि ग्रामीण विकास से जुड़ी रहेगी और गांव के ग़रीब को समृद्ध करने में लगी रहेगी। श्री अमित शाह ने कहा कि ग्रामीण विकास थ्योरेटिकल नहीं होता है, ये तभी होता है जब इसके प्रति समर्पित लोग चंदन की भांति स्वंय को घिसकर सुगंध को गांव-गांव तक पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर आधुनिक ज़माने में ग्रामीण विकास करना है तो इसके लिए पाठ्यक्रम बनाने होंगे, इसे फ़ॉर्मलाइज़ करना होगा और आज के ज़माने की ज़रूरतों के हिसाब से ग्रामीण विकास को परिवर्तित करके ज़मीन पर उतारना होगा। मैं मानता हूं कि सरदार पटेल, त्रिभुवनभाई की इस पवित्र भूमि पर इरमा ने इसे ज़मीन पर उतारने का काम किया है।