रामजी पांडेय
नई दिल्ली :भारत में सफल होने के लिए अब आपको किसी प्रसिद्ध उपनाम की आवश्यकता नहीं है। कठिन परिश्रम, साहस, नवाचार ही सफलता के निर्धारक हैं। ऐसा उस वक्त नहीं था जब मैंने अपनी उद्यमशीलता की यात्रा शुरू की थी। यह नया भारत है जिसे श्री नरेन्द्र मोदी जी बना रहे हैं। 2014 से पहले, उद्यमिता एक नियम या मानदंड के बजाय केवल एक अपवाद था। युवा भारतीयों के लिए सफल होने का इससे पहले अधिक उपयुक्त क्षण कभी नहीं रहा है। नरेन्द्र मोदी सरकार और गुजरात सरकार की सक्रिय नीतियों के लिए धन्यवाद।” ये बातें केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने गुजरात विश्वविद्यालय में 'युवा भारत के लिए नया भारत: अवसरों की तकनीक' विषय पर बोलते हुए कही।
केंद्रीय मंत्री ने युवा स्टार्टअप, उद्यमियों, छात्रों और विश्वविद्यालय के संकाय से खचाखच भरे सभागार में एक बेहतरीन प्रस्तुति दी। मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे मोदी सरकार के 8 वर्षों ने भारत के बारे में पारंपरिक कथाओं को ध्वस्त किया है। श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि, “पहले भारतीय लोकतंत्र भ्रष्टाचार और इसकी प्रणाली बड़ी खामियों से जुड़ी थी। 80 के दशक में एक प्रधानमंत्री थे जिन्होंने एक कुख्यात बयान दिया था कि दिल्ली से एक लाभार्थी को भेजे जाने वाले हर 100 पैसे में से केवल 15 पैसे ही उसके पास पहुंच पाते हैं। तथाकथित कमजोर और दोषपूर्ण प्रणाली की स्वीकार्यता ऐसी ही थी। लेकिन, 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के लिए धन्यवाद, जिसके तहत अब एक-एक रुपया सीधे देश के कोने-कोने में रहने वाले लाभार्थी के खातों में हस्तांतरित किया जाता है। हमने भारत में लोकतंत्र के कमजोर और दोषपूर्ण होने के आख्यान को अब बदल दिया है।”
स्टार्टअप्स के लिए सरकार की भावी नीतिगत पहलों के बारे में जिज्ञासु युवा स्टार्टअप्स के साथ बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि, “स्टार्टअप परितंत्र को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय स्तर पर स्टार्टअप पहलों को केंद्रीकृत रूप में समन्वयित करने के लिए जल्द ही एक संस्थागत ढांचा डिजिटल इंडिया स्टार्टअप हब स्थापित किया जाएगा। सरकार स्टार्टअप्स को सरकारी परितंत्र से जोड़ने का प्रयास कर रही है ताकि सरकार की खरीद आवश्यकताएं स्टार्टअप्स के अभिनव समाधानों से पूरी की जा सके।
केंद्रीय मंत्री ने उभरती प्रौद्योगिकियों में कौशल हासिल करने के लिए छात्रों और स्टार्टअप्स को प्रेरित करते हुए और भारत की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए डिजिटल कौशल सीखने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, "नवाचार, नवाचार और नवाचार आगे बढ़ने का एक मात्र मंत्र है। नवाचार हमारे भविष्य को संचालित करने वाला है। हमारे स्टार्टअप और उद्यमी भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर और डिजिटल अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर की ओर ले जाएंगे।