नई दिल्ली तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) - भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने देश भर में आगामी समर्पित इथेनॉल संयंत्रों के लिए एक दीर्घकालिक खरीद समझौता (एलटीपीए) किया है। त्रिपक्षीय-सह-एस्क्रो समझौते (टीपीए) के पहले सेट पर बिहार सरकार के उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव श्री संदीप पौंड्रिक (आईएएस), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एमडी श्री अश्विनी भाटिया और बीपीसीएल में कार्यकारी निदेशक आई/सी, मार्केटिंग कॉरपोरेट श्री सुखमल जैन की उपस्थिति में ओएमसी (तेल विपणन कंपनियों), परियोजना के प्रस्तावकों और इथेनॉल संयंत्र परियोजनाओं से संबद्ध बैंकों के बीच हस्ताक्षर किए गए।
भारतीय स्टेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक और इंडियन बैंक तीन बैंक हैं जो ओएमसी और परियोजना के प्रस्तावकों के साथ इस त्रिपक्षीय समझौते में शामिल हैं। यह समझौता यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि इथेनॉल संयंत्रों द्वारा प्राप्त भुगतान का उपयोग इन बैंकों द्वारा दिए गए वित्त को चुकाने के लिए किया जाएगा। समझौते के अनुसार, इथेनॉल उत्पादन के लिए समर्पित इन संयंत्रों द्वारा उत्पादित इथेनॉल को भारत सरकार के इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के अनुसार पेट्रोल के साथ सम्मिश्रण के लिए ओएमसी को बेचा जाएगा। ओएमसी को इथेनॉल की आपूर्ति के लिए जो भुगतान किया जाएगा उसे वित्तपोषण बैंक में खोले गए एस्क्रो खाते में जमा किया जाएगा ताकि निर्धारित समय के अनुसार बैंकों का ऋण चुकाना सुनिश्चित हो सके। टीपीए पर हस्ताक्षर माइक्रोमैक्स बायोफ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड, बिहार, ईस्टर्न इंडिया बायोफ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड, बिहार, मुजफ्फरपुर बायोफ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड, बिहार, के पी बायोफ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड, मध्य प्रदेश और विसाग बायोफ्यूल्स प्राइवेट लिमिटेड, मध्य प्रदेश के साथ किए गए।
इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2021-22 में, भारत ने 186 करोड़ लीटर इथेनॉल की खपत करते हुए 9.90% इथेनॉल सम्मिश्रण हासिल किया जिससे 9000 करोड़ से अधिक विदेशी मुद्रा की बचत हुई। हालांकि, सरकार ने 2025 तक 20% मिश्रित इथेनॉल प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है जिसे आमतौर पर ई20 लक्ष्य के रूप में जाना जाता है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए इथेनॉल की कमी सबसे बड़ी चुनौती है। ई20 परिदृश्य के अनुसार, देश को 2025-26 में यह लक्ष्य प्राप्त करने के लिए 1,016 करोड़ लीटर इथेनॉल की आवश्यकता है। लेकिन, मौजूदा उपलब्धता के अनुसार, लगभग 650 करोड़ लीटर इथेनॉल की कमी है। इन पांच परियोजनाओं से प्रति वर्ष लगभग 23 करोड़ लीटर इथेनॉल का योगदान होने की संभावना है।
इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के इस्तेमाल से न केवल हमारा वातावरण स्वच्छ रहता है क्योंकि यह 38% कम कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन पैदा करता है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश और रोजगार सृजन के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मदद करता है।