नई दिल्ली:बहुचर्चित निठारी कांड की सुनवाई कर रही सीबीआई कोर्ट की विशेष अदालत ने अपने फैसले मुख्य अभियुक्त सुरेंद्र कोली को दोषी करार देते हुए उसे मौत की सुनाई है अभियुक्त मोनिंदर सिंह पंढेर को देह व्यापार का दोषी मानते हुए सात साल की सजा सुनाई गई है अदालत ने मोनिंदर सिंह को हत्या अपहरण और दुष्कर्म के मामले में बरी कर दिया है, सुरेंद्र कोली पर 40 हज़ार और मोनिंदर सिंह पंढेर पर 4 हज़ार का जुर्माना भी लगाया गया है इस समय दोनो आरोपी डासना जेल में बंद है और पहले के कई मामलों में अदालत की दी सजा काट रहे हैं.
नोएडा के सेक्टर 31 स्थित निठारी गाँव से सटे डी-5 कोठी में में 2006 में हुए खौफनाक और इस दिल दहला देने वाले 14वें मामले में दोषी सुरेंद्र कोली को मौत की सुनाई है और मोनिंदर सिंह पंढेर को देह व्यापार का दोषी मानते हुए सात साल की सजा सुनाई गई है. ये सजा एक लड़की से जुडे केस मे सुनाई गई है, जिसमें दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी,
निठारी कांड में 3 मामले अब भी कोर्ट में विचाराधीन हैं। इन मामलों में भी अभी फैसला आना बाकी है। सुरेंद्र कोली को 13 मामलों में मौत की सजा पहले ही सुनाई जा चुकी है. इसके साथ ही निठारी कांड से जुडे़ तीन मामले ऐसे भी हैं, जिन में आज तक कोई पर्दा नहीं उठ सका। कई महीनों की जांच के बाद जब इन तीन मामलों में कोई सबूत नहीं मिला तो सीबीआई ने इनमें अपनी क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। सीबीआई कोर्ट से फांसी की सजा होने के बाद इस समय अधिकांश मामले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं।
सेक्टर-31 स्थित निठारी गाँव से वर्ष 2006 में एकाएक कर 17 बच्चों के लापता होने की जांच कर रही सेक्टर 20 थाने की पुलिस को जांच कई दौरान निठारी गांव की कोठी नंबर डी-5 से एक नरकंकाल मिला था। वहीं, कोठी के पास नाले से बच्चों के अवशेष बरामद किए गए थे। चर्चाओं में आने के बाद यह पूरा मामला से देशभर में सनसनी फैल गयी थी। यहां से मानव शरीर के हिस्सों के पैकेट मिले थे। नरकंकालों को नाले में फेंका गया था। जिसके बाद इस मामले की जांच सीबीआई को सौप दी गई थी. सीबीआई जांच के बाद यह केस गाजियाबाद की विशेष सीबीआई कोर्ट में चल रहा है। उत्तराखंड का रहने वाला सुरेंद्र कोली डी-5 कोठी में मोनिंदर सिंह पंढेर का नौकर था। परिवार के पंजाब चले जाने के बाद दोनों कोठी में रह रहे थे।