नई दिल्ली :केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बसव जयंती पर श्री बसवअन्ना को श्रद्धासुमन अर्पित किए। एक अन्य कार्यक्रम में श्री अमित शाह ने नृपतुंगा यूनिवर्सिटी के उद्घाटन सहित विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री बसवराज बोम्मई सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने सम्बोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि बसवअन्ना ने सैकड़ों साल पहले अनुभव मंडपम के द्वारा कर्नाटक की इस महान भूमि पर समाज में सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशक लोकतंत्र का उदाहरण दिया था। अपने वचनों के माध्यम से बसवअन्ना ने समाज के हर वर्ग की समस्याओं के बहुत सुंदर और सरल रास्ते दिखाए। उन्होंने कहा कि मैं यहाँ उपस्थित सभी युवाओं से यही कहना चाहता हूँ कि उन्हें शिक्षा के साथ साथ बसवअन्ना के वचनों को अवश्य पढ़ना चाहिए क्योंकि बसवअन्ना के वचनों को पढ़ने से जीवन में कभी कोई दिक़्क़त नहीं आएगी। आज की सभी समस्याओं का समाधान बसवअन्ना के वचनों में ही दिखाई देता है। श्री शाह ने कहा कि आज बसवअन्ना की जयंती है और इस अवसर पर मैं यही कहना चाहता हूँ कि न केवल कर्नाटक बल्कि पूरा देश और दुनिया शांति, सद्भाव और समावेशी लोकतंत्र के मार्ग पर आगे बढ़े।
श्री अमित शाह ने कहा कि किसी भी देश का भविष्य उसके युवाओं और उनके चरित्र में निर्मित होता है। इस कॉलेज में 100 साल से निरंतर विद्या की उपासना होती रही और यहाँ के कई छात्रों ने कर्नाटक और देश में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस कॉलेज ने कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं। 2020 से इस कॉलेज को नृपतुंगा यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है, आज इसका औपचारिक उद्घाटन हुआ है और इसके लोगो का लोकार्पण भी हुआ है।
गृह मंत्री ने कहा कि यह वर्ष आज़ादी के अमृत महोत्सव का वर्ष है। आज हमारे देश को आज़ाद हुए 75 साल हो गए हैं और सभी लोगों ने अपने अपने तरीक़े से देश को बनाने में योगदान दिया है। 75 साल की इस यात्रा में देश कई मंजिलें पार कर आज यहाँ तक पहुँचा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज़ादी के इस अमृत महोत्सव को बहुत महत्व के साथ बनाने का फ़ैसला किया है। आज़ादी के इस अमृत महोत्सव का प्रमुख उद्देश्य है कि हमारी युवा पीढ़ी आज़ादी के जन नायकों को जाने-पहचाने और उनसे देशभक्ति के संस्कार ग्रहण कर देश को आगे बढ़ाए। श्री शाह ने कहा कि आज़ादी का यह 75 वाँ साल संकल्प लेने का भी साल है। हम सबको यह संकल्प लेना चाहिए कि अगले 25 वर्षों में हम देश के विकास में योगदान देकर आज़ादी के शताब्दी वर्ष 2047 में भारत को विश्व गुरू बनाकर आज़ादी के नायकों के स्वप्न को साकार करें। उन्होंने कहा कि130 करोड़ लोग जब संकल्प लेते हैं तो इसका संपुट देश को 130 करोड़ कदम आगे ले जाता है।