नई दिल्ली मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय आजादी का अमृत महोत्सव तथा किसान भागीदारी प्राथमिक हमारी अभियान के हिस्से के रूप में विभाग की उद्यमिता योजनाओं एवं अन्य लाभार्थी सर्वोत्कृष्ट फ्लैगशिप परियोजनाओं पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। यह कार्य नागरिक सेवा केंद्रों के नेटवर्क के माध्यम से देश भर में ग्राम स्तर के 8000 शिविर लगाकर किया जा रहा है। यह अभियान 25 अप्रैल से 28 अप्रैल 2022 तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें देश भर में नागरिक सेवा केंद्रों के माध्यम से हर दिन एक लाख किसान शामिल हो रहे हैं।
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री श्री संजीव कुमार बाल्यान ने कल शिविरों के माध्यम से जुड़े किसानों को संबोधित किया और उन्हें बताया कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) और राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) योजनाओं में अब ब्रीडर फार्म उद्यमी तथा चारा उद्यमी भी इसके अंग बन चुके हैं। उत्तर पूर्वी क्षेत्र के राज्यों बिहार, ओडिशा व पश्चिम बंगाल के एक लाख किसानों ने इन शिविरों में भाग लिया। राष्ट्रीय पशुधन मिशन, ग्रामीण उद्यमिता के निर्माण में मदद करेगा और बेरोजगार युवाओं एवं पशुपालकों के लिए पशुधन, डेयरी, मुर्गी पालन, भेड़, बकरी व सुअर पालन तथा पशुओं हेतु चारा क्षेत्र में आजीविका के बेहतर अवसर पैदा करने में मदद करेगा और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मार्ग प्रशस्त करेगा। श्री बाल्यान ने प्रजनन की उन्नत तकनीकों को अपनाने और जमीनी स्तर पर इसके कार्यान्वयन के महत्व पर बल दिया। उन्होंने किसानों से विभिन्न मौजूदा केंद्रीय योजनाओं का लाभ उठाने के लिए कृत्रिम गर्भाधान (एआई) और साइलेज (सुरक्षित हरा चारा) बनाने को बढ़ावा देने का भी अनुरोध किया।
सचिव (डीओएफ एवं डीएएचडी आई/सी) श्री जतिंद्र नाथ स्वैन ने किसानों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) और मत्स्य पालन व एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एफआईडीएफ) के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने से मछुआरे और मत्स्य किसान मत्स्य पालन विभाग की सभी महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि असंगठित क्षेत्र में उपलब्ध उत्पाद के उद्देश्य से इसके आगे और पीछे की कड़ी बनाने तथा इसे संगठित क्षेत्र से जोड़ने के लिए मंत्रालय की इन उद्यमिता योजनाओं से उद्यमिता के विकास में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर विभागों की उद्यमिता योजनाओं, पीएमएमएसवाई आदि पर विवरण, गर्मी के मौसम के दौरान पशुधन प्रबंधन पर सूचनात्मक सत्र और चारा प्रबंधन तथा सफलता की गाथाओं पर प्रस्तुतियां दी गईं। उपस्थित लोगों को इन योजनाओं के बारे में पूरी जानकारी दी गई है और साथ ही सीएससी के माध्यम से ही योजना पोर्टल पर आवेदन कैसे करें, इसके बारे में भी बताया गया।