श्री अरविंद की कल्पना का भारत बनना मुश्किल नहीं है अमित शाह


 रामजी पांडेय

नई दिल्ली :केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह आज पुद्दुचेरी में श्री अरविंद के 150वें जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में शामिल हुए। श्री अमित शाह ने अरविंद आश्रम में महान बुद्धिजीवी और आध्यात्मिक पुरोधा श्री अरविंद को श्रद्धा सुमन अर्पित किये। श्री शाह ने कहा कि श्री अरविंद ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में चिरस्थायी योगदान दिया। उनके कार्य और विचार सभी के लिए प्रासंगिक हैं और वे हमेशा हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।

श्री अरविंद के 150वें जयंती समारोह को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अगर भारत की आत्मा को समझना है तो श्री अरविंद को सुनना और पढ़ना होगा। इसी प्रकार का जीवन श्री अरविंद ने जिया और अगर उनके साहित्य को ध्यान से पढ़ें और उनके संदेश को समझें, तो उन्होंने एक अलग प्रकार के भारत की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि दुनिया के सारे देश जियो-पॉलिटिकल हैं लेकिन भारत एकमात्र ऐसा देश है जो जियो-कल्चर है। अगर भारत को जियो-कल्चर देश के नाते समझने की शुरूआत करेंगे तो आज की सभी समस्याओं का समाधान अपने आप हो जाएगा। कश्मीर से कन्याकुमारी और द्वारका से बंगाल तक कहीं ना कहीं एक ही संस्कृति हम सबको बांधे हुए है। संविधान हम सबके लिए सम्मानयोग्य है लेकिन बॉंडिंग अगर है तो वो ये संस्कृति है जो भारत की आत्मा है।

श्री अमित शाह ने कहा कि श्री अरविंद ने भारतीय संस्कृति की चिरपुरातन चेतना की नदी के प्रवाह को नई चेतना, ऊर्जा, गति और दिशा प्रदान करने का काम किया और ऐसे समय पर किया जब सब ओर अंधकार था और देश अंग्रेज़ों का ग़ुलाम था। उन्होंने कहा कि जब तक श्री अरविंद के विचारों को हम नई पीढ़ी को नहीं सौंपते, उनके मन में इन्हें जानने की उत्सुकता पैदा नहीं करते, तब तक श्री अरविंद की 150वीं जयंती को मनाने के उद्देश्यों की पूर्ति नहीं हो सकती। श्री अरविंद का गुजरात से गहरा रिश्ता रहा है, काफ़ी समय तक गायकवाड़ सरकार ने उन्होंने शिक्षा पर काम किया और कई गुजरातियों ने उनसे प्रभावित होकर उनके जीवन संदेश को ही अपना जीवन बना लिया। बहुत कम लोग जानते होंगे कि के एम मुंशी श्री अरविंद के शिष्य रहे और आगे के जीवन में श्री कन्हैया लाल मुंशी ने भारत के संविधान की रचना में बहुत बड़ा योगदान दिया और संविधान में भारतीय विचार प्रमुख हों, इसके पुरोधाओं में श्री के एम मुंशी थे। कई लोगों ने श्री अरविंद के साथ जुड़कर पूरा जीवन उनके संदेश को दुनियाभर में पहुंचाने के लिए काम किया।