राष्ट्रीय सहकारी डेटा बैंक बनाने की शुरूआत भी हो चुकी है और मुझे उम्मीद है कि मार्च 2023 तक ये डेटाबेस तैयार कर देश के सामने हम रखेंगे


 

नई दिल्ली केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज गुजरात की राजधानी गांधीनगर में नेशनल कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCDFI) के स्वर्ण जयंती समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया।कार्यक्रम में सहकारिता मंत्रालय के सचिव समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

श्री अमित शाह ने कहा कि आज यहाँ एक बहुआयामी कार्यक्रम हुआ जिसमें राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB), वेस्ट से वेल्थ की अवधारणा को सजीव करने के लिए गोबरधन योजना की शुरुआत करने जा रही है। इसमें गुजरात सरकार भी अपना योगदान दे रही है। उन्होंने कहा कि आज डेयरी के क्षेत्र में किसानों तक उनका अधिकार और रूपया पहुँचाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक व्यवस्था के साथ अच्छा कार्य करने वालों को पुरस्कार भी दिए गए हैं। साथ ही आज डेयरी संघ के स्वर्ण जयंती का अवसर भी है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर मैं NCDFI से संबद्ध 223 ज़िला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ, 27 राज्य संघ और  अनेकानेक ग्रामीण दूध उत्पादन सहकारी समितियों को बहुत बहुत बधाई देना चाहता हूँ।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस सहकारिता आंदोलन ने भारत को न केवल दूध के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है बल्कि देश की आने वाली पीढ़ियों को पोषणयुक्त बनाकर कुपोषण की समस्या हल करने में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सरदार पटेल, मोरारजी देसाई और त्रिभुवन दास ने दूध के सहकारिता आंदोलन से देश के एक आर्थिक शक्ति के रूप में उभरने की कल्पना नहीं की होती तो आज पोषण के मामले में हम कहाँ होते ऐसा सोचते ही एक भयावह चित्र हमारे सामने खड़ा हो जाता।  श्री शाह ने कहा कि दलहन और तिलहन के मुक़ाबले आज दूध के क्षेत्र में कोई समस्या नहीं है क्योंकि दूध के क्षेत्र में सहकारिता आंदोलन ने मज़बूत होकर अनेक राज्यों में अच्छा काम किया है और इसमें NCDFI की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि करोड़ों लोगों ने बूँद बूँद करके देशभर में दूध की धारा बहाई है और इसमें सहकारिता क्षेत्र का सबसे बड़ा योगदान है।