केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री ने नई दिल्ली में भारत शिक्षा शिखर सम्मेलन 2022 को संबोधित किया

रामजी पांडे

नई दिल्ली केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज गूगल और इंडियन एक्सप्रेस के संवाद मंच भारत शिक्षा शिखर सम्मेलन 2022 में मुख्य भाषण दिया।

 

केंद्रीय मंत्री ने शिक्षा और कौशल को प्रत्येक भारतीय को उपलब्ध कराने, भारत को ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के तरीके और भारत के हर हिस्से में नवाचार की भावना के प्रसार पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि अनुमानित तौर पर 52.5 करोड़ आबादी 3-23 वर्ष की आयु वर्ग के अंतर्गत है, जिसमें से लगभग 35 करोड़ बच्चों की शिक्षा और कौशल तक पहुंच है।

 

 

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस अंतर को पाटने की जरूरत पर जोर देते हुए पर कहा कि हमें बाकी 17-18 करोड़ बच्चों को स्कूली शिक्षा और कौशल की छत्रछाया में लाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जीईआर को बढ़ाकर, कौशल हासिल करने को आकांक्षी बनाकर और युवा भारतीयों की आर्थिक उत्पादकता को बढ़ाकर हम भारत को एक ज्ञान महाशक्ति बना सकते हैं।

 

केंद्रीय मंत्री ने परीक्षा पे चर्चा 2022 के दौरान युवा छात्रों के नवाचार की भावना का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। विभिन्न छात्रों के अभिनव कार्य करने की बातें बताते हुए उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं का आत्मविश्वास, कौशल, रचनात्मकता और बौद्धिक क्षमता की कोई सीमा नहीं है। उन्होंने कहा कि चाहे वह केरल के भाई-बहन नंदिनी और निवेदिता हों, जो ऑनलाइन कार्यशालाओं के माध्यम से वैदिक गणित को सरल बना रहे हैं, या जामताड़ा से शुभम माजी या कपूरथला से मून वर्मा, ये वैसे युवा हैं जो आने वाले दशकों में भारत की बड़ी छलांग सुनिश्चित करेंगे। परीक्षा पे चर्चा के दौरान गढ़वा, ग्वालियर, जामताड़ा, कोट्टायम, खुर्दा के छात्रों ने नवाचार के प्रति जो उत्साह दिखाया, उसने सभी को चकित कर दिया है। उन्होंने आगे कहा कि श्रेणी 2 और श्रेणी 3 के शहरों और ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्र नवाचार और उद्यमिता का रास्ता अपना रहे हैं। श्रेणी 2 और श्रेणी 3 के शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक प्रतिभाशाली युवाओं के बारे में बात करते हुए शिक्षा मंत्री ने इन छात्रों को ऊंची उड़ान भरने और नवाचार और उद्यमिता का रास्ता अपनाने में मदद करने के लिए कौशल विकास की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।