नई दिल्ली मलेरिया के नियंत्रण और उसकी रोकथाम के बारे में "न केवल निदान और उपचार बल्कि हमारे व्यक्तिगत और सामुदायिक परिवेश में स्वच्छता और सामाजिक जागरूकता मलेरिया के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई और 2030 तक देश से मलेरिया को खत्म करने के हमारे लक्ष्य को पूरा करने के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है।" केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज विश्व मलेरिया दिवस 2022 के उपलक्ष्य में अपने संबोधन के दौरान यह बात कही। उन्होंने जोर देकर कहा, "आवश्यकता स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने की प्रणाली के प्रगतिशील सुदृढ़ीकरण पर जोर देने और बहु-क्षेत्रीय समन्वय और सहयोग में सुधार करने की है।"
हर साल, 25 अप्रैल को 'विश्व मलेरिया दिवस' के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष की विषय वस्तु है "वैश्विक मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का दोहन" है।
डॉ. मांडविया ने राष्ट्रीय और उप-राष्ट्रीय प्रयासों के माध्यम से मलेरिया उन्मूलन को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। उन्होंने जोर दिया कि प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाने से भारत की मलेरिया उन्मूलन योजना को आगे बढ़ाने के लिए विशेष समाधान विकसित करने में मदद मिलेगी और बेहतर स्वास्थ्य, जीवन की गुणवत्ता और गरीबी उन्मूलन में योगदान मिलेगा। उन्होंने कहा कि निदान, समय पर और प्रभावी उपचार और वेक्टर नियंत्रण उपायों के बारे में जन जागरूकता पैदा करने के लिए सहयोगी संगठनों के साथ आशा, एएनएम सहित जमीनी स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों को मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने आगे सुझाव दिया कि निजी क्षेत्र सहित प्राइवेट डॉक्टर अपने मलेरिया मामलों के प्रबंधन और जानकारी तथा संबंधित कार्यों को राष्ट्रीय कार्यक्रम से जोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा, “जैसा कि हम नवीन प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ आगे बढ़ रहे हैं, भारत की "ई-संजीवनी" ने टेली-परामर्श और टेली-रेफरेंसिंग का मार्ग दिखाया है जिसका मलेरिया सहित विभिन्न स्वास्थ्य देखरेख समस्याओं के निदान और उपचार के लिए जमीनी स्तर पर व्यापक पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है।”