नई दिल्ली:आयकर विभाग ने इत्र निर्माण और रियल इस्टेट के कारोबार से जुड़े दो समूहों के परिसरों मे 31.12.2021 को तलाशी अभियान चलाया और जब्ती की। तलाशी अभियान के दौरान उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु और गुजरात में विभिन्न स्थानों पर 40 से अधिक परिसरों में कार्रवाई की गई।
प्राथमिक रूप से जांच करने पर मुंबई और उत्तर प्रदेश स्थित पहले समूह के मामले में यह जानकारी निकल कर सामने आई है कि यह समूह इत्र की बिक्री, स्टॉक में हेराफेरी, कर योग्य इकाई से लाभ को कर मुक्त इकाई में स्थानांतरित करने के लिए बही खातों में गलत प्रविष्टियों को दर्ज करने, कर चोरी और व्यय की मुद्रास्फीति आदि में संलिप्त है। बिक्री कार्यालय तथा मुख्य कार्यालय में मिले साक्ष्यों से पता चला है कि समूह अपनी खुदरा बिक्री का 35% से 40% 'कच्चा' बिलों द्वारा नकद में बनाता है और इन नकद प्राप्तियों को खाते की नियमित बही में दर्ज नहीं किया जाता है, जो लगभग करोड़ों रुपये की होती है। फर्जी पार्टियों से करीब 5 करोड़ रुपये के सौदे की बुकिंग के भी सबूत मिले हैं।
आपत्तिजनक साक्ष्यों के विश्लेषण से संकेत मिलता है कि इस तरह से उत्पन्न हुई बेहिसाब आय को भारत में मुंबई और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) दोनों स्थानों पर संपत्तियों का अधिग्रहण करने के लिए विभिन्न रियल एस्टेट परियोजनाओं में निवेश किया जाता है। यह भी पता चला है कि समूह ने स्टॉक-इन-ट्रेड को पूंजी में बदलने पर 10 करोड़ रुपये की कर की चोरी की है क्योंकि संबंधित आय घोषित नहीं की गई है। समूह ने कुछ भागीदारों को भुगतान किए गए लाभों पर 45 करोड़ रुपये की आय की भी पुष्टि नहीं की है।
ऐसे साक्ष्य भी मिले हैं और जब्त किए गए हैं जो इस तथ्य को पुख्ता करते हैं कि समूह के प्रमोटरों ने कुछ विदेशी संस्थाओं को शामिल किया है। ऐसी सूचना भी है कि इन बाहरी संस्थाओं को संबंधित आयकर रिटर्न में सम्मिलित नहीं किया गया है। तलाशी के दौरान प्राप्त हुए प्रमाणों से पता चलता है कि बाहरी इकाइयां भारतीय प्रमोटरों द्वारा चलाई और प्रबंधित की जाती हैं। ऐसी दो विदेशी संस्थाओं के संयुक्त अरब अमीरात में एक-एक विला पर मालिकाना हक होने का पता चला है।
यह भी जानकारी प्राप्त हुई है कि संयुक्त अरब अमीरात से समूह की बाहरी संस्थाओं में से एक ने इसकी एक भारतीय इकाई में अत्यधिक प्रीमियम पर 16 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध शेयर पूंजी निवेश की है। इस प्राप्तकर्ता समूह इकाई ने कोलकाता स्थित कुछ फर्जी संस्थाओं से अवैध शेयर पूंजी के रूप में 19 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी स्वीकार की है। इन फर्जी संस्थाओं के शेयरधारक निदेशकों में से एक ने शपथपत्र पर स्वीकार किया कि वह एक डमी निदेशक था और उसने समूह के प्रमोटरों के कहने पर समूह की कंपनी की शेयर पूंजी में निवेश किया था।
उत्तर प्रदेश स्थित एक अन्य समूह पर तलाशी कार्रवाई के दौरान, लगभग 10 करोड़ रुपये के अपंजीकृत नकद लेनदेन की पुष्टि करने वाले आपत्तिजनक सबूत मिले हैं और उन्हें जब्त कर लिया गया है। यह भी पता चला है कि समूह अपनी माल सूची के लिए कोई स्टॉक रजिस्टर नहीं रखता है।
अब तक 9.40 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी और 2 करोड़ रुपये से अधिक के अस्पष्टीकृत आभूषण जब्त किए गए हैं। फिलहाल कई बैंक लॉकरों को बंद कर दिया गया है और उनकी जांच होना अभी शेष है।
आगे की जांच जारी है।