छठा भारत जल प्रभाव शिखर सम्मेलन संपन्न


नई दिल्ली:नदी संसाधनों का आवंटन- क्षेत्रीय स्तर पर नियोजन एवं प्रबंधन विषय पर आधारित छठा भारत जल प्रभाव शिखर सम्मेलन आज अपने पांचवें और अंतिम दिन संपन्न हुआ। समापन सत्र का आयोजन नई दिल्‍ली के राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) और कानपुर के गंगा नदी घाटी प्रबंधन एवं अध्ययन केंद्र (सीगंगा) द्वारा हाइब्रिड मोड में किया गया। इस सत्र में जल शक्ति राज्य मंत्री श्री विश्‍वेश्वर टुडु और एनएमजीसी के महानिदेशक श्री राजीव रंजन मिश्र के अलावा सी-गंगा के संस्‍थापक प्रमुख प्रोफेसर विनोद तारे और सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री यामिनी अय्यर एवं अन्‍य उपस्थित थे।

सत्र के दौरान जल शक्ति राज्‍यमंत्री श्री विश्वेश्वर टुडु ने छठे आईडब्ल्यूआईएस के आयोजन के सराहनीय प्रयास के लिए एनएमसीजी और सी-गंगा को बधाई दी। उन्‍होंने इसमें भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय डायस्पोरा के प्रमुख विशेषज्ञों की उल्‍लेखनीय भागीदारी और सफल विचार-विमर्श एवं परिचर्चा की सराहना की। उन्होंने इन परिचर्चाओं के परिणामों को लागू करने और कहीं अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व पर जोर दिया। श्री टुडु ने यह कहते हुए अपनी बात समाप्त की कि उन्हें उम्मीद है कि अगले वर्ष के आईडब्ल्यूआईएस के दौरान नदियों एवं उसके संसाधनों के बेहतर प्रबंधन, नियोजन एवं संरक्षण के लिए कहीं अधिक दिलचस्प विषयों और परिचर्चाओं का आयोजन किया जाएगा।