आज से 50 साल पहले 11 दिसंबर 1971 को, तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के तंगेल में भारतीय सेना की सेकंड पैराशूट बटालियन का एक सफल एयरड्रॉप किया गया था। लेफ्टिनेंट कर्नल कुलवंत सिंह पन्नू के नेतृत्व में 17 पैराशूट फील्ड रेजिमेंट की आर्टिलरी बैटरी, 411 (इंडिपेंडेंट) पैराशूट फील्ड कंपनी की प्लाटून, मेडिकल टुकड़ी, सर्जिकल टीम और शत्रुजीत ब्रिगेड के अन्य प्रशासनिक सैनिकों के साथ बटालियन ग्रुप को उत्तर से ढाका की ओर पाकिस्तानी सैनिकों की वापसी को रोकने का काम सौंपा गया था।
11 दिसंबर 2021 को आगरा में विक्ट्री फ्लेम की उपस्थिति में 50 साल पहले इस एयरड्रॉप में भाग लेने वाले पूर्व सैनिकों को मार्मिक श्रद्धांजलि के रूप में यह ऐतिहासिक कार्यक्रम मनाया गया। हमारे पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की सैन्य मुस्तैदी के सम्मान में एक पैराशूट जम्प हमारे पहले सीडीएस, उनकी पत्नी श्रीमती मधुलिका रावत और 08 दिसंबर को ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले सैनिकों तथा वायु योद्धाओं को समर्पित था। जनरल बिपिन रावत ने एकीकरण और निष्पादन के उच्चतम मानकों की प्राप्ति के लिए सेना के तीनों अंगों के बीच संयुक्तता की कल्पना की थी। यह पैराशूट जम्प आज सेना और वायु सेना के बीच संयुक्तता की सर्वोत्तम भावनाके बीच सटीक समन्वय वाला था।
तंगेल एयरड्रॉप और बांग्लादेश में उसके बाद के अभियानों में भाग लेने वाले पूर्व सैनिक ऐतिहासिक कार्यक्रम के स्मरणोत्सव को देखने के लिए आगरा में इकट्ठे हुए। अनुभवी पैराट्रूपर्स की उपस्थिति और अनुभव वर्तमान पीढ़ी को पेशेवर उत्कृष्टता की उच्च ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। शत्रुजीत ब्रिगेड द्वारा सामूहिक पैराशूट जम्प का नेतृत्व स्वयं सेंट्रल कमांड के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने किया, जिन्होंने बाद में 1971 के युद्ध के पूर्व सैनिकों को उनकी सेवा और राष्ट्र के लिए योगदान के लिए सम्मानित किया।
लेफ्टिनेंट जनरल निर्भय शर्मा (सेवानिवृत्त) जो 1971 के युद्ध के दौरान सेकंड पैराशूट बटालियन के एडजुटेंट थे, इस कार्यक्रम के दौरान उपस्थित थे। चार अनुभवी पैराट्रूपर्स- अर्थात लेफ्टिनेंट जनरल आरआर गोस्वामी (सेवानिवृत्त), मेजर जनरल शिव जसवाल (सेवानिवृत्त), कर्नल थॉमस कोचप्पन (सेवानिवृत्त) और कर्नल प्रमोद ताम्बे (सेवानिवृत्त)- ने भी पैराशूट जंप में भाग लिया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युद्ध में शामिल रहे पूर्व सैनिक, वरिष्ठ सेवारत पैराट्रूपर्स, नागरिक क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति, शत्रुजीत ब्रिगेड के सभी रैंक और परिवार और स्कूली बच्चे मौजूद थे।
ड्रॉप ज़ोन में 1971 के युद्ध और प्रसिद्ध तंगेल एयर ड्रॉप के दौरान पूर्वी क्षेत्र में शत्रुजीत ब्रिगेड की भागीदारी को प्रदर्शित करने के लिए एक हथियार और उपकरण प्रदर्शन और फोटो गैलरी भी लगाई गई थी।