मोदी जी चाहते हैं कि सहकारिता आंदोलन और 50 से 100 साल तक इस देश के गरीब


 

नई दिल्ली:केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने अपनी दो दिन की महाराष्ट्र यात्रा के पहले दिन आज लोणी में पद्मश्री डॉ. विठ्ठलराव विखे पाटील साहित्यसेवा जीवन गौरव पुरस्कार और सहकार परिषद एवं कृषि सम्मेलन को संबोधित किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा पद्म पुरस्कारों को उनके असली हकदारों तक पहुँचाने के एक नये युग की शुरुआत के तहत श्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में विभिन्न क्षेत्रों में अपना उत्कृष्ट योगदान देने हेतु पद्मश्री से सम्मानित पोपटराव पवार जी व राहीबाई पोपेरे जी को सन्मानित भी किया। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने शिरडी के साईं धाम में साईं बाबा के दर्शन कर देश की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।

अपने सम्बोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि आज मेरे लिए बहुत ही हर्ष का दिन है कि जिस भूमि से छत्रपति शिवाजी महाराज ने पूरे देश में स्वराज का नाद बुलंद किया और हिंदवी स्वराज्य की स्थापना की थी उस पवित्र भूमि पर मैं आप लोगों के सामने उपस्थित हूँ। शिवाजी महाराज ने हिंदवी स्वराज्य की जो घोषणा और प्राप्ति की उसने सालों साल तक भारत के अंदर स्वराज, स्वधर्म और स्वभाषा तीनों की एक मज़बूत नींव डालने का काम किया, जिस पर आज हमारा देश एक मज़बूत इमारत बनकर खडा है। मैं उनकी पुण्य स्मृति को प्रणाम करना चाहता हूँ। श्री शाह ने कहा कि यह संत ज्ञानेश्वर महाराज की भी भूमि है जिन्होंने ऐसे समय में भक्ति आंदोलन की शुरुआत कि जब देश को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। यह साईं बाबा की भूमि है जिन्होंने श्रद्धा और सबुरी यानी श्रद्धा और धैर्य पूरी दुनिया को सिखाने का काम किया। अपनी कृति से पूरी दुनिया को सर्वधर्म समभाव और विश्व बंधुत्व की भावना समझाने का काम अगर किसी ने किया,तो साईं बाबा ने किया,मैं उनकी पुण्य स्मृति को भी प्रणाम करना चाहता हूँ।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि यह भूमि पूरे देश में सहकारिता के लिए काशी जितनी पवित्र है क्योंकि इसी भूमि पर पद्मश्री विखे पाटील जी ने सहकारिता की नींव डालने का काम किया। देशभर के सहकारिता आंदोलन के लोगों को एक बार इस भूमि की मिट्टी को माथे पर लगाना चाहिए। उन्होने कहा कि गुजरात में भी बहुत अच्छा सहकारी आंदोलन चला और आज अमूल पूरी दुनिया के अंदर सहकारिता का सबसे सफल मॉडल बन गया है। इस भूमि पर भी पद्मश्री विखे पाटील जी ने एक नई शुरुआत की। सभी लोगों ने कहा कि सहकारी आंदोलन दिक्कत में है, इसको मदद की जरूरत है। सहकारी आंदोलन को मदद देने के लिए ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय बनाया है। आजादी के 75 साल तक किसी को सहकारिता मंत्रालय की सोच तक नहीं आई, श्री नरेंद्र मोदी जी ने आजादी के 75 साल बाद आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के अंदर सहकारिता मंत्रालय इसलिए बनाया है क्योंकि वे जानते हैं कि सहकारिता आज भी प्रासंगिक है और सबका साथ सबका विकास का मंत्र, केवल और केवल सहकारिता के आधार पर ही सफल हो सकता है।