प्राइवेट स्कूल भी मानवता दिखाते हुए पढ़ाई से वंचित बच्चों के एसएलसी जारी करें ताकि वह सरकारी स्कूल या 134 ए में दाखिला ले सकें : विमल किशोर


सोनीपत:आज 8 दिसंबर सोनीपत कोरोना काल में आर्थिक संकट के कारण अभिभावक अपने बच्चों की फीस व एनुअल चार्ज नहीं भर सके परिणाम स्वरूप निजी स्कूल संचालकों ने बच्चों को स्कूल से निकाल दिया है या अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रहे ऐसे हजारों बच्चे पढ़ाई से वंचित हैं और उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है और दूसरी तरफ बकाया फीस व एनुअल चार्ज न भरने के कारण निजी स्कूल संचालक एसएलसी भी जारी नहीं कर रहे और बिना एसएलसी के बच्चे ना तो सरकारी स्कूल में दाखिला ले पा रहे हैं और ना ही 134 ए में दाखिला ले पा रहे हैं
यह बातें छात्र अभिभावक संघ के संयोजक विमल किशोर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहीं 

छात्र अभिभावक संघ के संयोजक विमल किशोर ने बताया कि कोरोना काल में अभिभावकों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने सरकारी स्कूलों में बिना एसएलसी दाखिले के आदेश तो जारी किए थे किंतु निजी स्कूल संचालकों द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इस आदेश को रद्द करवा दिया और सरकार ने हाईकोर्ट में ना तो अच्छे से पैरवी की और ना ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया क्योंकि सरकार वास्तव में निजी स्कूल संचालकों के दबाव में हैं और  निजी स्कूल संचालकों को सरकार का संरक्षण प्राप्त है

विमल किशोर ने आगे कहा कि उनके संगठन के पास आए दिन ऐसे मामले आ रहे हैं जिसमें पैसों के अभाव में बच्चे पढ़ाई से वंचित होकर घर पर बैठे हैं 
ऐसा ही एक मामला कुछ समय पहले सामने आया जिसमें करोना काल में एक महिला के पति की मृत्यु के बाद उसकी दोनों बेटियां जो कि जानकीदास स्कूल में पढ़ती थी स्कूल से निकाल दिया गया और बकाया फीस व एनुअल चार्ज ना देने के कारण बार-बार निवेदन के बाद भी एसएलसी नहीं दिया गया जिससे दोनों बच्चियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है महिला ने अपनी बेटी का 134 ए के तहत आवेदन भी किया हुआ है महिला ने सीएम विंडो पर गुहार लगाई है कि उसे एसएलसी दिलवाया जाए ताकि वह अपनी बेटियों का दाखिला 134 ए या सरकारी स्कूल में करवा सके 

छात्र अभिभावक संघ के संयोजक विमल किशोर ने सरकार से मांग की कि हजारों बच्चों के भविष्य को देखते हुए बकाया फीस व एनुअल चार्ज ना भर सके बच्चों को एसएलसी दिलवाया जाए या 134 ए के तहत तथा सरकारी स्कूलों में बिना एसएलसी के दाखिले करवाए जाएं उन्होंने प्राइवेट स्कूल संचालकों से भी अपील की कि मानवता दिखाते हुए ऐसे बच्चों के एसएलसी जारी किये जाएं