रामजी पांडेय
नई दिल्ली:केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष मंत्रालय में राज्यमंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह, जो एक प्रसिद्ध मधुमेह विशेषज्ञ भी हैं, ने आज कहा कि युवाओं और गर्भवती महिलाओं में मधुमेह की रोकथाम तत्काल चुनौती है।
विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर मधुमेह पर एक वेबिनार में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, भारत की 70 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या 40 वर्ष से कम उम्र की है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने सभी प्रसूति अस्पतालों और प्रत्येक गर्भवती महिलाओं के लिए अनिवार्य मधुमेह परीक्षण का आह्वान किया। संगोष्ठी का आयोजन स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान (एस-व्यासा), बेंगलुरु और केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरवाईएन), नई दिल्ली द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था।
मधुमेह से लड़ने के लिए एक एकीकृत और समग्र दृष्टिकोण का आह्वान करते हुए, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा, कोविड ने हमें प्रतिकूल परिस्थितियों में नए मानदंडों की खोज करने के लिए प्रेरित किया है और एलोपैथिक प्रणाली के साथ पारंपरिक भारतीय प्रबंधन तौर-तरीकों के संयोजन के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि जब से श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला है, उन्होंने केंद्र स्तर पर चिकित्सा प्रबंधन की स्वदेशी प्रणाली के गुणों को सामने लाने पर सबसे अधिक जोर दिया है। उन्होंने कहा, यह श्री मोदी ही थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का एक सर्वसम्मत प्रस्ताव रखा था, जिसके परिणामस्वरूप योग दुनिया भर के लगभग हर घर में पहुंच गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी थे, जिन्होंने समग्र चिकित्सा को बढ़ावा देने के अलावा स्वदेशी चिकित्सा प्रबंधन प्रणाली के महत्व पर जोर देते हुए एक अलग आयुष मंत्रालय बनाया।
एस-व्यासा के चांसलर डॉ. एच. आर. नागेंद्र की चिंताओं को साझा करते हुए कि मधुमेह गरीब परिवारों पर भारी आर्थिक असर के साथ ग्रामीण भारत में तेजी से प्रवेश कर रहा है, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, टेलीमेडिसिन को लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता है ताकि बीमार लोगों को आसान और सस्ती पहुंच प्रदान की जा सके।