बदायंू: गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार (उत्तराखंड) के प्रतिकुलपति डाॅ. चिन्मय पण्डया (आज) करेंगे प्रखर प्रज्ञा-सजल श्रद्धा का लोकार्पण। उनका विशेष संबोधन युवाओं को समर्पित रहेगा। 25 नवंबर को होने वाली नर्मदेश्वर महाकाल की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। गायत्री महायज्ञ के लिए यज्ञशाला का निर्माण हो चुका है।
जिला समंवयक नरेंद्र पाल शर्मा ने बताया कि 24 नवंबर 2021 को (आज) नर्मदेश्वर महाकाल की शोभा यात्रा और कलश यात्रा प्रातः 10 बजे निकलेगी। मुख्य मार्गो से होती हुई गायत्री शक्तिपीठ पहुंचेगी। इसके बाद शाम 3 बजे देवसंस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार (उत्तराखंड) के प्रतिकुलपति डाॅ. चिन्मय पण्डया ‘‘प्रखर प्रज्ञा-सजल श्रद्धा‘‘ का लोकार्पण करेंगे। श्री पण्डया द्वारा युवाओं के लिए विशेष संबोधन दिया जाएगा।
गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी अनिल कुमार राठौर ने बताया कि 25 नवंबर 2021 को प्रातः 8 बजे नर्मदेश्वर महाकाल की प्राण प्रतिष्ठा, रुद्राभिषेक, देवपूजन, प्रात: 9 बजे गायत्री महायज्ञ और शाम 3 बजे विराट दीपयज्ञ होगा। 26 नवंबर को प्रातः 9 बजे गायत्री महायज्ञ और विभिन्न संस्कार संपन्न होंगे।
शक्तिपीठ के परिब्राजक सचिन देव ने कहा कि गायत्री महायज्ञ के लिए यज्ञशाला और कलश यात्रा के लिए शक्तिकलशों को तैयार कर लिया गया है।
माया सक्सेना, शिवंवदा, रजनी मिश्रा, सीमा गुप्ता, राजकुमारी तोमर, ममता पाल, पूनम अरोरा, राजेश्वरी, शोभा जौहरी, शशि प्रजापति के मार्गदर्शन में नर्मदेश्वर महाकाल शोभा यात्रा, कलश यात्रा सुप्रसिद्ध बिरुआबाड़ी मंदिर से प्रारंभ होगी। हर प्रसाद मंदिर, नगला शक्तिपीठ मंदिर, गौरी शंकर मंदिर और डीएम मार्ग से होती हुई पुनः गायत्री शक्तिपीठ पहंुचेगी। मुख्य चैराहों और मार्गों पर कलश यात्रा का पूजन और भव्य स्वागत होगा।
इस मौके पर मुख्य प्रबंध ट्रस्टी अनिल कुमार राठौर, सुरेंद्र नाथ शर्मा, डीपी सिंह, सुखपाल शर्मा, रामचंद्र प्रजापति, मदनलाला झा, रघुनाथ सिंह आदि मौजद रहे।