नई दिल्ली:भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (इरेडा) ने आज ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल) के साथ अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित करने और धन जुटाने में अपनी तकनीकी-वित्तीय विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। ये दोनों कंपनियां क्रमशः नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हैं।
समझौता ज्ञापन पर इरेडा के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री प्रदीप कुमार दास और बीवीएफसीएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. सिबा प्रसाद मोहंती ने इरेडा के निदेशक (तकनीकी) श्री चिंतन शाह तथा इरेडा के सीएफओ डॉ आरसी शर्मा व अन्य वरिष्ठ अधिकरियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
समझौते के तहत, इरेडा बीवीएफसीएल के लिए अक्षय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया, ऊर्जा दक्षता और संरक्षण परियोजनाओं का तकनीकी-वित्तीय उचित क्रियान्वयन करेगा। इरेडा अगले 5 वर्षों तक अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को बनाने और निर्धारित लक्ष्य हासिल करने के लिए एक कार्य योजना विकसित करने में बीवीएफसीएल की सहायता करेगा।
इरेडा के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप कुमार दास ने एमओयू पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि इरेडा का मानना है कि यह सहयोग बीवीएफसीएल जैसी रासायनिक और उर्वरक क्षेत्र की अन्य कंपनियों को कार्बन उत्सर्जन में कटौती तथा पर्यावरण के अनुकूल होने के लिए प्रेरित करेगा। यह इरेडा के लिए हरित ऊर्जा के जरिये पूर्वोत्तर भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का एक माध्यम है।
श्री दास ने यह भी कहा कि समझौता ज्ञापन माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा कॉप-26 में की गई प्रतिबद्धता के अनुरूप वर्ष 2030 तक भारत के कार्बन उत्सर्जन को 45% तक कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान देने में सहायता करेगा। हाल ही में, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने घोषणा की है कि हाइड्रो सहित देश की कुल स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता 150 गीगावाट को पार कर गई है और इस 150 गीगावाट क्षमता में से, इरेडा ने देश में 19 गीगावाट से अधिक अक्षय ऊर्जा स्थापित करने में सहयता प्रदान की है।
बीवीएफसीएल के साथ यह समझौता ज्ञापन एक वर्ष के भीतर इरेडा द्वारा हस्ताक्षरित पांचवां समझौता है। इससे पहले, इरेडा ने हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अपनी तकनीकी-वित्तीय विशेषज्ञता का विस्तार करने हेतु एसजेवीएन, एनएचपीसी, तमिलनाडु उत्पादन एवं वितरण निगम लिमिटेड और नीपको के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।