ऑस्कर के लिए भारत के आधिकारिक नामांकन वाली फ़िल्म "कूड़ांगल" एक बच्चे और एक मां के दर्द और पीड़ा को चित्रित करती है, दोनों ही वैवाहिक जीवन के शोषण के शिकार हैं।
इस तमिल फिल्म के निर्देशक विनोदराज पी. एस. ने आज गोवा में 52वें इफ्फी महोत्सव के दौरान हुई मीडिया वार्ता के दौरान कहा, "ये एक सरल सी कहानी है, जिसे एक सरलतम तरीके से कहा गया है और इस कहानी को मेरे ही जीवन से उधार लिया गया है। ये फिल्म उन कष्टों पर आधारित है जो एक शराबी पति के कारण मेरी बहन और उसके छोटे बच्चे को झेलने पड़े।"
अपनी पहली फीचर फ़िल्म के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए निर्देशक विनोदराज ने कहा कि कूड़ांगल एक शराबी पिता और उसके बेटे के रिश्ते पर आधारित है और उस यात्रा को प्रस्तुत करती है जो अपने पिता के घर चली गई पत्नी को वापस लाने के लिए वो पति करता है।
विनोदराज से जब इस फ़िल्म में परिदृश्य के महत्व पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब में कहा, “मैंने अपने गांव में ही इस फ़िल्म की शूटिंग की क्योंकि ये कहानी और इसका परिदृश्य दोनों ही मेरे दिल के करीब थे। फ़िल्म में दर्शाया गया लैंडस्केप इसमें तीसरा किरदार बनता है क्योंकि इंसान जिस जलवायु और भूगोल में रहते हैं, उससे उनका व्यवहार भी प्रभावित होता है। जिस शुष्क परिदृश्य और तेज धूप में पूरी कहानी स्थित है, वो किरदारों के आचरण को ढालने वाले महत्वपूर्ण तत्व हैं।"