रामजी पांडेय
नई दिल्ली:केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज तिरुपति में दक्षिण क्षेत्रीय परिषद की 29वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री, पुडुचेरी व अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल तथा लक्षद्वीप के प्रशासक शामिल हुए। साथ ही परिषद में शामिल राज्यों के मंत्री, केन्द्रीय गृह सचिव, अन्तर राज्य परिषद की सचिव और संबंधित राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे। केन्द्रीय गृह मंत्री ने दक्षिण क्षेत्रीय परिषद की 29वीं बैठक भगवान श्री वेंकटेश्वर की पावन नगरी तिरुपति में आयोजित करने के लिए आन्ध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी का धन्यवाद किया।
श्री अमित शाह ने कहा कि दक्षिणी भारत के राज्यों की प्राचीन संस्कृति,परंपराएं और भाषाएं भारत की संस्कृति और प्राचीन विरासत को समृद्ध करती हैं, दक्षिण भारत के राज्यों के अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान के बिना भारत के विकास की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति अनेक विविधताओं से परिपूर्ण हैं और विशेषरूप से दक्षिण भारत की संस्कृति, भाषाएं और परम्पराएं ना केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को आकर्षित करती हैं। श्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार भारत की सभी क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करती है और इसलिए आज की दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उन राज्यों की सभी भाषाओं में अनुवाद की सुविधा दी गई है जो दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद में हैं। गृह मंत्री ने इच्छा व्यक्त की कि भविष्य में प्रतिनिधियों को अपने राज्य की भाषा में बोलते देखकर उन्हें खुशी होगी।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि दक्षिण के राज्यों का पर्यटन, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME), सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और सेवा क्षेत्र सहित पूरे उत्पादन में बहुत बड़ा योगदान है। पिछले कुछ वर्षों में परिषद अनेक क्षेत्रों में आपसी समझ और सहयोग के स्वस्थ विचार-विमर्श को बढावा देने में परिणामलक्षी साबित हुई है। चर्चाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से राज्यों के बीच एक समन्वित दृष्टिकोण विकसित करने में हमें सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि 1956 में हुई यह शुरूआत परिपक्व तरीके से आगे बढ़ी है।