रामजी पांडे
नई दिल्ली:दो महीने से भी कम समय में 4 करोड़ (40 मिलियन से अधिक) से अधिक श्रमिकों ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने एक ट्वीट संदेश में यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि पंजीकरण कराने से असंगठित कामगारों को सरकारी योजनाओं का लाभ सरलता से मिल सकेगा।
निर्माण, परिधान निर्माण, मछली पकड़ने, गिग और प्लेटफॉर्म वर्क, स्ट्रीट वेंडिंग, घरेलू कार्य, कृषि और संबद्ध कार्यों, परिवहन क्षेत्र जैसे विविध व्यवसायों से जुड़े श्रमिकों ने पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। इनमें से कुछ क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिकों की एक बहुत बड़ी संख्या भी जुड़ी हुई है। प्रवासी श्रमिकों सहित सभी असंगठित श्रमिक अब ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के माध्यम से विभिन्न सामाजिक सुरक्षा और रोजगार आधारित योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पोर्टल पर 4.09 करोड़ श्रमिकों ने पंजीकरण कराया है। इनमें से लगभग 50.02 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं और 49.98 प्रतिशत पुरुष हैं। यह उत्साहजनक है कि पुरुषों और महिलाओं का समान अनुपात इस अभियान का हिस्सा रहा है। लिंग के आधार पर पंजीकरण में साप्ताहिक सुधार होता रहा है, पुरुष और महिला श्रमिकों ने तुलनात्मक अनुपात में पंजीकरण किया है, जैसा कि नीचे दिए गए ग्राफ द्वारा दर्शाया गया है।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश राज्य सबसे अधिक पंजीकरण के साथ इस पहल में सबसे आगे हैं, जैसा कि नीचे दिए गए ग्राफ में दर्शाया गया है। हालाँकि, इस संख्या को सावधानी के साथ परिप्रेक्ष्य में रखा जाना चाहिए। जैसा कि समझा जा सकता है, छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पंजीकृत कर्मचारियों की संख्या कम है। साथ ही, इस अभियान को मेघालय, मणिपुर, गोवा और चंडीगढ़ जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में गति प्राप्त करने की आवश्यकता है।
भारत में रोजगार सृजन में इन दो क्षेत्रों की विशाल मात्रा को देखते हुए, पंजीकृत श्रमिकों की सबसे बड़ी संख्या कृषि और निर्माण से है। इसके अतिरिक्त, घरेलू और गृह कार्य से जुड़े श्रमिकों, परिधान क्षेत्र के श्रमिकों, ऑटोमोबाइल और परिवहन क्षेत्र के श्रमिकों, इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्ड वेयर श्रमिकों, पूंजीगत वस्तु श्रमिकों, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, खुदरा, पर्यटन और आतिथ्य, खाद्य उद्योग तथा अन्य कई जैसे विविध और विभिन्न व्यवसायों के श्रमिकों ने इस पोर्टल पर पंजीकरण कराया है।
इन पंजीकृत श्रमिकों में से लगभग 65.68 प्रतिशत 16-40 वर्ष के आयु वर्ग के हैं और 34.32 प्रतिशत 40 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के हैं। इन श्रमिकों की सामाजिक संरचना में इन श्रेणियों से क्रमशः लगभग 43 प्रतिशत और 27 प्रतिशत के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और सामान्य जातियां शामिल हैं तथा अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के 23 प्रतिशत और 7 प्रतिशत श्रमिक शामिल हैं।
पंजीकरण के एक बड़े अनुपात को सीएससी द्वारा सुगम बनाया गया है, जैसा कि ऊपर दिए गए ग्राफ में दर्शाया गया है। दिलचस्प बात यह है कि केरल और गोवा जैसे कुछ राज्यों में और पूर्वोत्तर भारत, मेघालय और मणिपुर में बड़ी संख्या में लोगों ने पोर्टल पर स्व-पंजीकरण कराया है। दादरा और नगर हवेली, अंडमान और निकोबार और लद्दाख जैसे अधिकांश केंद्र शासित प्रदेशों के साथ भी ऐसी ही स्थिति है।