रामजी पांडे
नई दिल्ली:रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने 18 अक्टूबर 2021 को भारतीय रक्षा सम्पदा सेवाओं (आईडीईएस) के अधिकारियों और रक्षा सम्पदा महानिदेशालय (डीजीडीई) के तकनीकी कर्मचारियों के लिए सुदूर संवेदन व भौगोलिक सूचना प्रणाली का उपयोग करके नवीनतम सर्वेक्षण तकनीकों और रक्षा भूमि सीमाओं के मानचित्रण पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस प्रशिक्षण का पहला बैच हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) में शुरू हुआ। वहीं, इस कार्यक्रम का उद्घाटन नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के प्रमुख संस्थानों के माध्यम से रक्षा सम्पदा संगठन के तकनीकी संसाधनों को नवीनतम तकनीकों में प्रशिक्षित करना और भूमि के सर्वेक्षण व संरक्षण के लिए घरेलू क्षमता उत्पन्न करना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षुओं को सैटेलाइट इमेजरी प्रोसेसिंग, ड्रोन इमेजरी प्रोसेसिंग आदि जैसी आधुनिक तकनीकों में नए कौशल का अनुभव होगा। इसके अलावा छावनी बोर्डों के कंप्यूटर प्रोग्रामरों सहित डीजीडीई संगठन के सभी तकनीकी संवर्ग (कैडर) को बैचों में प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव है। उपमंडल के अधिकारियों के पहले बैच को 18 अक्टूबर, 2021 से हैदराबाद स्थित एनआरएससी में दो हफ्ते के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए रक्षा सचिव ने अधिकारियों से रक्षा भूमि के सर्वेक्षण में नवीनतम तकनीकों के साथ खुद को अपडेट रखने का आग्रह किया। उन्होंने रक्षा भूमि के सर्वेक्षण में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की जरूरत पर भी जोर दिया।
इस अवसर पर रक्षा सचिव ने कहा, “18 लाख एकड़ से अधिक सम्पदा के साथ, डीजीडीई देश में सरकारी भूमि के सबसे बड़े भूमि प्रबंधन संगठनों में से एक है। साथ ही, ये विभिन्न प्रकार की भूमि है। इसके कुछ हिस्से में शहरी भूमि शामिल है, वहीं अन्य दूरदराज के और कुछ दुर्गम इलाकों में से हैं। इन बातों को देखते हुए यह देखना बेहद खुशी की बात है कि डीजीडीई आधुनिक तकनीकों को अपना रहा है और यह निश्चित रूप से भूमि प्रबंधन प्रणाली की गुणवत्ता में सुधार करेगा।”